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US Election 2024 : ट्रंप के सबसे वफादार भारतवंशी 'काश पटेल' बन सकते हैं CIA चीफ, इसलिए हैं राष्ट्रपति की पहली पसंद

भारतीय अप्रवासी के पुत्र पटेल पूर्व रिपब्लिकन कर्मचारी के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में रक्षा और खुफिया मामलों में उच्च पदों पर काम कर चुके हैं। पिछले वर्ष उन्होंने वादा किया था कि वह ट्रंप के विरोधी राजनेताओं और पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोंलेंगे। पटेल ट्रंप के कितने वफादार हैं इस बारे में अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार चा‌र्ल्स कप्परमैन ने न्यूयार्क टाइम्स को बताया है।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 07 Nov 2024 10:01 PM (IST)
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ट्रंप के पहले कार्यकाल में उच्च पदों पर रह चुके हैं पटेल।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2.0 कार्यकाल में व्हाइट हाउस में कई उठापटक होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। अमेरिका में भारतवंशियों को अतिमहत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। सबसे ज्यादा चर्चा में ट्रंप के सबसे ज्यादा वफादार और कुछ भी करने के लिए तैयार माने जाने वाले कश्यप 'काश' पटेल हैं। कुछ रिपब्लिकन 44 वर्षीय पटेल को सीआइए प्रमुख के रूप में देखना चाहते हैं।

ट्रंप के पहले कार्यकाल में उच्च पदों पर रह चुके हैं पटेल

भारतीय अप्रवासी के पुत्र पटेल पूर्व रिपब्लिकन कर्मचारी के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में रक्षा और खुफिया मामलों में उच्च पदों पर काम कर चुके हैं। पिछले वर्ष उन्होंने वादा किया था कि वह ट्रंप के विरोधी राजनेताओं और पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोंलेंगे। पटेल, ट्रंप के कितने वफादार हैं, इस बारे में अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार चा‌र्ल्स कप्परमैन ने न्यूयार्क टाइम्स को बताया है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब ट्रंप जनता के विरोध का सामना कर रहे थे, उन्होंने ओवल आफिस में शीर्ष सलाहाकारों की एक बैठक बुलाई।

इसमें उनके सामने लगी चार कुर्सियों में एक अपेक्षाकृत हैरान करती कुर्सी बेहद छोटे स्तर के कर्मचारी पटेल की भी थी। पटेल राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के डिप्टी रह चुके हैं। फिर वह कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ आफ स्टाफ बने।2016 राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप को लेकर चल रही जांच को लेकर पटेल ने जनता के लिए जारी किए गए चार पन्नों के ज्ञापन 'नून्स मेमो' बनाने में काफी मदद की। इससे ट्रंप काफी प्रभावित हुए थे।

काश को इस वजह से जिम्मेदारी सौंप सकते हैं ट्रंप

अब ट्रंप पटेल को एक नई भूमिका दे सकते हैं। कप्परमैन कहते हैं कि वह (ट्रंप) काश को राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई का हथियार बनाना चाहते हैं, ताकि व्हाइट हाउस में काम करने वाले विश्वासघाती व्यक्तियों को ढूंढ़कर बाहर निकाला जा सके। अब ट्रंप का पूरा फोकस अपने कार्यालय में पटेल की तरह के भरोसेमंद लोगों को तैनात करना है। यानी ऐसे लोग जो भले संबंधित क्षेत्र में महारत तो नहीं रखते, लेकिन हर आदेश मानते हैं और राष्ट्रपति की बदला लेने वाली मुहिम में जुड़कर काम करेंगे।

सीआइए, एफबीआई का उप निदेशक बनाना चाहते थे ट्रंप

ट्रंप, पटेल को सीआइए या एफबीआइ का उप निदेशक भी बनाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन सीआइए निदेशक और अटार्नी जनरल की आपत्ति के बाद उन्होंने इसे टाल दिया। हालांकि, इस बार ट्रंप के करीबी पटेल को सीआइए चीफ के रूप में बिठाने का समर्थन कर सकते हैं। पटेल को अटार्नी जनरल के रूप में पहली पसंद माना जा रहा है। अगर सीनेट से इन दोनों पदों को लेकर स्वीकृति नहीं मिलती है, तो उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में शीर्ष स्थान दिया जा सकता है।

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