यूपी में खुलेंगी 12 फूड प्रोसेसिंग यूनिट: क्या ₹250 करोड़ से बदलेगी किसानों की किस्मत?
उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 250 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं को मंजूरी देने जा रही है। इन परियोजनाओं को एसएलईसी को भेजा गया है, जिनमें विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां शामिल हैं। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना और रोजगार बढ़ाना है। एसएलईसी की मंजूरी के बाद इन परियोजनाओं पर काम शुरू होगा।

खाद्य प्रसंस्करण की 250 करोड़ की 12 परियोजनाओं को मिलेगी मंजूरी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत 250 करोड़ रुपये के निवेश वाली 12 परियोजनाओं की स्थापना को जल्द स्वीकृति मिल सकती है। इन परियोजना प्रस्तावों को परीक्षण के बाद अप्रैजल समिति ने स्वीकृति दे दी है। अब इनको राज्य स्तरीय एंपावर्ड समिति (एसएलईसी) के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
नीति के तहत आने वाले प्रस्तावों के परीक्षण के लिए गठित अप्रेजल समिति की शनिवार को अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीना की अध्यक्षता में आईआईए सभागार में हुई बैठक में 17 प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण किया गया।
समिति ने 12 प्रस्तावों को नीति के तहत अर्ह पाया गया। इनमें व्यक्तिगत त्वरित फ्रीजिंग (आइक्यूएफ) के चार, बेकरी के दो और लालीपाप कैंडी, फिश फीड, ग्राउंड नट बायल, आईसक्रीम, रेडी टू ईट और टोमैटो कैचअप के एक-एक प्रस्ताव शामिल हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा एचवीआर फूड्स जौनपुर के निवेशक हर्षवर्धन सिंह को मसाला उत्पादन की आधुनिक इकाई को पूर्ण व्यवस्थित करने एवं उत्पादन प्रारंभ करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। बैठक में बताया गया कि नीति के तहत अब तक 10 हजार करोड़ के 416 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
इनसें से 70 परियोजनाएं क्रियाशील होकर उत्पादन कर रही हैं और अगले छह माह में 100 और परियोजनाओं के क्रियाशील होने की संभावना है। निवेशक सौर ऊर्जा से संयत्रों के संचालन को प्राथमिकता दे रहे है, अब तक 58 परियोजनाओं में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की गई है।

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