Foreign Jobs: यूपी के युवाओं को विदेश भेजने की हो रही तैयारी, सरकार ने कर दिया ये बंदोबस्त
उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को देश और विदेश में नौकरी दिलाने की तैयारी कर रही है। विदेश जाने वालों को भाषा प्रशिक्षण और कौशल विकास दिया जाएगा। नौकरी के बाद दूतावास से लोकल गार्जियन और 24 घंटे कॉल सेंटर की सुविधा मिलेगी। सरकार फिक्की और एसोचैम जैसे संगठनों से भी बात करेगी। पिछले साल 5978 श्रमिकों को इजराइल भेजा गया था।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार अब युवाओं को न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी नौकरी दिलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। विदेश जाने वाले उम्मीदवारों को भाषा का प्रशिक्षण, यात्रा से पहले ओरिएंटेशन प्रोग्राम, कौशल प्रशिक्षण, वेबीनार और रोजगार कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।
नौकरी के बाद विदेश पहुंचने पर उन्हें दूतावास की मदद से स्थानीय संरक्षक (लोकल गार्जियन) भी मिलेगा और 24 घंटे काल सेंटर की सुविधा दी जाएगी। बुधवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अंतर्गत राज्य संचालन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में तय हुआ कि देश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए भारतीय वाणिज्य व उद्योग महासंघ (फिक्की), एसोसिएटेड चेंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) जैसे बड़े उद्योग संगठनों से बातचीत होगी।
साथ ही आने वाले समय में उद्योगों में किस तरह की नौकरियां निकलेंगी। उसके लिए दीर्घकालिक रणनीति भी बनाई जाएगी। विदेशों में नौकरी की मांग जानने के लिए सरकार रोड शो, इंडस्ट्रीज के साथ सहयोग और प्रतिनिधिमंडल की यात्राएं करेगी।
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एमके शन्मुगा सुन्दरम ने बताया कि सरकार ने युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरी दिलाने के लिए रोजगार मिशन बनाया है। पिछले साल इस मिशन के जरिये 5978 निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजा गया, जिन्होंने अपने घरों में करीब 1400 करोड़ रुपये भेजे।
इस वर्ष 25 हजार युवाओं को विदेशों में नौकरी, देश के निजी क्षेत्र में तीन लाख अभ्यर्थियों को रोजगार और चार लाख युवाओं की करियर काउंसिलिंग कराने का लक्ष्य है। निदेशक सेवायोजन नेहा प्रकाश ने मिशन की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की।
प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास डा. हरिओम और कृषि प्रमुख सचिव रविन्द्र ने भी योजनाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने के सुझाव दिए।
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