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UP News: आशा वर्करों को दीपावली से पहले इस तारीख को मिलेगा मानदेय, NHM कर्मचारियों के वेतन के भी निर्देश

उत्तर प्रदेश में 1.71 लाख आशा वर्कर व आशा संगिनियों को दिवाली से पहले 25 अक्टूबर तक मानदेय मिलेगा। मनरेगा श्रमिकों के 99.38% जाब कार्ड आधार से लिंक हुए। डीएलएड प्रशिक्षु दो चरणों में निपुण विद्यालयों का मूल्यांकन करेंगे जिससे परिषदीय स्कूलों के छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने में मदद मिलेगी। इससे श्रमिकों को सीधे उनके खाते में भुगतान होगा।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 18 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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हर हाल में 25 तक वेतन दिए जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश के तहत कार्यरत 1.71 लाख आशा वर्कर व आशा संगिनियों को भी दिवाली के चलते 25 अक्टूबर से पहले मानदेय का भुगतान किया जाएगा। 

सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस महीने की 20 तारीख तक किए गए कार्य के आधार पर इनकी प्रोत्साहन और प्रतिपूर्ति राशि की गणना कर मानदेय देने की व्यवस्था करें। वहीं, पहले ही एनएचएम कर्मचारियों को हर हाल में 25 तक वेतन दिए जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

आधार सीडिंग से श्रमिकों की भुगतान प्रक्रिया हुई पारदर्शी

प्रदेश में 99 प्रतिशत से अधिक मनरेगा श्रमिकों के जाब कार्ड को आधार से लिंक कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर मनरेगा श्रमिकों की भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) को अपनाने का निर्णय बीते वर्ष लिया गया था। 

ग्राम्य विकास विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑल वर्कर्स की श्रेणी में 2,04,47,854 श्रमिक शामिल हैं, जिनमें से 2,03,21,164 श्रमिक आधार से लिंक किये जा चुके हैं। यह 99.38 प्रतिशत उपलब्धि को दर्शा रहा है। वहीं, प्रदेश भर में सक्रिय 1,28,73,991 सक्रिय श्रमिकों में से 1,28,71,152 श्रमिक (99.98 प्रतिशत) आधार से जोड़े जा चुके हैं। 

ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि श्रमिकों की मेहनत-मजदूरी का पैसा सीधे उनके खाते में जा सके, इसलिए उन्हें आधार आधारित भुगतान प्रणाली से जोड़ा गया है। इससे मजदूरों को भुगतान के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और लाभांश सीधे उनके खाते में पहुंच जाता है।

डीएलएड प्रशिक्षु दो चरणों में करेंगे निपुण विद्यालय मूल्यांकन

लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए अब डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) कोर्स के प्रशिक्षु दो चरणों में निपुण विद्यालयों का मूल्यांकन करेंगे। 

पहले अक्टूबर व दिसंबर और अगले वर्ष फरवरी में किया जाना था। अब इस महीने होने वाला मूल्यांकन रद कर दिया गया है। अब दिसंबर और अगले वर्ष फरवरी में ही मूल्यांकन किया जाएगा।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों के दो चरणों में प्रभावी ढंग से निपुण मूल्यांकन की व्यवस्था की जाए। केंद्र सरकार ने लक्ष्य में संशोधन किया है। 

प्रेरणा पोर्टल और बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से इन डीएलएड प्रशिक्षुओं को डाटा उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे स्कूल जहां 80 प्रतिशत छात्र भाषा व गणित में दक्ष होंगे उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। 

डीएलएड प्रशिक्षुओं की ओर से किए जाने वाले मूल्यांकन का टास्क फोर्स के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। फिलहाल सभी जिलों को अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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