Vishwakarma Yojana: विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का दायरा बढ़ा, अब इन 12 क्षेत्रों के कारीगरों को भी मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं बल्कि विकास का इंजन है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 12 नए क्षेत्रों को जोड़ा गया है जिससे कारीगरों को टूलकिट और प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने विश्वकर्मा एक्सपो-2025 का शुभारंभ किया और एमएसएमई क्षेत्र को 1.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया। ओडीओपी योजना से प्रदेश का निर्यात बढ़ा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में हमारे कारीगरों, शिल्पकारों ने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से विकास का ग्रोथ इंजन बना दिया है। उत्तर प्रदेश को लेकर पूरे देश की धारणा बदल चुकी है।
इसलिए अब विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें मोबाइल फोन रिपेयरिंग, आटोमोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रानिक गुड्स रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल गुड्स रिपेयरिंग, प्लंबर, कंप्यूटर रिपेयरिंग, सोलर पैनल रिपेयरिंग, डिजिटल फोटोग्राफी, ब्यूटी एंड वेलनेस सहित 12 क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। इन 12 क्षेत्रों के कारीगरों को भी योजना के तहत टूलकिट वितरण और प्रशिक्षण योजना का लाभ मिलेगा। अभी तक 11 परंपरागत क्षेत्रों के शिल्पकार और कारीगर ही इस योजना के दायरे में आते थे।
बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय ‘विश्वकर्मा एक्सपो-2025’ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की जयंती के साथ ही आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी जन्मदिन है।
उन्होंने इसे दोहरी खुशी का दिन बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत-2047 का जो लक्ष्य रखा है, उसे पूरा करने में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगी। विकसित उत्तर प्रदेश के साथ ही भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को याद करते हुए कहा कि पहले गांव आत्मनिर्भर हुआ करते थे। वहां के कारीगर और शिल्पकार ही सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को मजबूती देते थे। विदेशियों ने हमारे कारीगरों का हुनर छीन लिया था। अब हमारे शिल्पकार फिर से सम्मान के साथ खड़े हो रहे हैं। इनके दम पर पूरी दुनिया में हमारी पहचान बदल रही है।
इस अवसर पर योगी ने एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े शिल्पकारों व कारीगरों को 1.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण भी वितरित किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के 12 हजार कारीगरों को टूलकिट वितरण का शुभारंभ किया।
लखनऊ के ऋत्विक कनौजिया और प्रियंका कुमारी को उन्होंने मंच पर ही टूलकिट प्रदान की। उन्होंने कहा कि परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना अब पूरे देश के लिए माडल बन गई है। इस योजना ने उत्तर प्रदेश को 1.86 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करने वाला राज्य बना दिया है।
योगी ने कहा कि विश्वकर्मा एक्सपो 19 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर तक उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जाएगा। इस व्यापार मेले में राज्य के शिल्पकारों व युवाओं को व्यापार का वैश्विक मंच मिलेगा। समारोह में उन्होंने एमएसएमई विभाग में चयनित 111 कनिष्ठ सहायकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में राज्य के बैंकों का ऋण जमा अनुपात 44 प्रतिशत था जो विगत आठ वर्षों में बढ़कर 62 प्रतिशत हो गया है। अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 75 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने ओडीओपी योजना के जरिये राज्य के शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
कारीगरों को प्रशिक्षण देने के लिए हुए एमओयू
कार्यक्रम में कारीगरों को प्रशिक्षण देने के लिए वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, एचसीएल फाउंडेशन, इंस्टीट्यूट आफ चार्टेड अकाउंटेंट आफ इंडिया के अलावा ऊषा इंटरनेशनल सहित 25 कंपनियों व संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किए गए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।