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Whatsapp पर आए शादी का ड‍िजि‍टल कार्ड तो हो जाएं सावधान, जरा सी लापरवाही से खाली हो सकता है अकाउंट

साइबर एक्सपर्ट बताते है कि साइबर ठग अनजान नंबर से शादी के डिजिटल कार्ड के साथ ही मालवेयर वायरस अटैच करते हैं। कार्ड डाउनलोड करते ही वायरस एक्टिव हो जाता है। वायरस के जरिए साइबर ठग मोबाइल हैक कर लेते हैं। फिर आपका सारा गोपनीय डाटा उनके पास होता है। मोबाइल फोन से लिंक आधार कार्ड के जरिए वह आपके बैंक खाते को आपरेट कर सारा रुपया निकाल लेते हैं।

By Lokesh Sharma Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 21 Nov 2024 03:02 PM (IST)
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साइबर ठगों ने ठगी का न‍िकाला न‍या तरीका।
लोकेश पंडित, मेरठ। लो जी..आ गई एक और दावत..शादी कार्ड आया है, पत्नी ने पूछा किसका है.. युवक ने जवाब दिया पता नहीं.. नंबर तो नया है, डाउनलोड करके देखता हूं। युवक ने जल्दी से व्हाट्सएप कार्ड डाउनलोड किया। कार्ड का मजबून अच्छी तरह वह पढ़ भी नहीं पाया था कि अचानक एक के बाद एक कई एसएमएस उसके फोन पर आए। युवक ने हड़बड़ाकर देखा तो पूरा शरीर पसीने से भीग गया। उसके खाते से चार बार में सात लाख से ज्यादा की रकम निकल चुकी थी। खाते में अब केवल 17 रुपया शेष बचा था।

रोते-बिलखते युवक ने तत्काल बैंक फोन किया तो पता चला कि ऑनलाइन उसके खाते से यह रुपया निकाला गया है। युवक से जानकारी व पूछताछ के बाद बैंक कर्मियों ने बताया, जिस डिजिटल कार्ड को उन्होंने डाउनलोड किया, उसके जरिए ही फोन का सारा डाटा हैक हुआ और साइबर ठग ने खाते से रुपया निकाल लिया।

यह किस्सा हालांकि मेरठ का नहीं बल्कि दिल्ली के करोलबाग निवासी दीपक सचदेवा का है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में साइबर ठगी के इस मामले को दिल्ली पुलिस व अन्य जागरूक संगठन प्रसारित कर रहे हैं। लोगों को इस नए अंदाज से रूबरू करा रहे हैं, ताकि लोग फ्रॉड से बच जाए। साइबर ठगी में डिजिटल कार्ड के इस नए अंदाज पर एसएसपी विपिन ताडा से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि मेरठ में ऐसा कोई मामला अभी सामने नहीं आया है, लेकिन साइबर ठग का यह तरीका बेहद खतरनाक है। इस समय शादी का समय है।

व्यक्तिगत के बजाय अब डिजिटल कार्ड भेजना आम बात है। रोज लोगों को रोज शादी के डिजिटल कार्ड मिल रहे हैं। ऐसे में हर कोई भेजा कार्ड डाउनलोड कर जानने का प्रयास करता है कि इसे किसने भेजा हैं। साइबर ठगों के इसी झांसे में फंसकर लोग अपनी जीवन भर की कमाई गंवा रहे हैं। एसएसपी ने कहा, इस नए तरीके का पता चलने पर साइबर क्राइम थाने को अलर्ट किया गया है। लोगों को जागरूक करने को इंटरनेट मीडिया पर भी अभियान चलाया जाएगा। जरूरी है, लोग भी अनजान नंबर से आए कार्ड को डाउनलोड न करें।

डिजिटल कार्ड डाउनलोड करते ही मोबाइल में एक्टिव हो जाता है मालवेयर वायरस

साइबर एक्सपर्ट बताते है कि साइबर ठग अनजान नंबर से शादी के डिजिटल कार्ड के साथ ही मालवेयर वायरस अटैच करते हैं। कार्ड डाउनलोड करते ही मालवेयर वायरस मोबाइल में एक्टिव हो जाता है। इस वायरस के जरिए साइबर ठग मोबाइल हैक कर लेते हैं। फिर आपका सारा गोपनीय डाटा उनके पास होता है। मोबाइल फोन से लिंक आधार कार्ड के जरिए वह आपके बैंक खाते को आपरेट कर सारा रुपया निकाल लेते हैं। आप जब तक कार्ड पढ़ भी नहीं पाते हैं तब तक वह सारी जानकारी लेकर आपका खाता खाली कर देते हैं।

डिजिटल कार्ड फ्रॉड से बचने को क्या करें?

- व्हाट्सएप पर आए कार्ड को तुरंत न खोले।

- कार्ड डाउनलोड करने से पहले देखे कि वह किस नंबर से आया है। यह किसी परिचित का नंबर है या अज्ञात। अज्ञात नंबर है तो कार्ड किसी भी सूरत में डाउनलोड न करें।

- किसी परिचित से नंबर मिलता जुलता हो तो पहले उससे बात कर कार्ड भेजने की जानकारी कर लें।

- वाट्स पर कार्ड भेजने वाले अज्ञात नंबर व उस पर लगे फोटो पर कतई विश्वास न करें।

- जल्दबाजी व हड़बडाहट आपका खाता खाली कर सकती है। फोन का सारा डाटा भी हैक हो सकता है।

मेरठ में अभी डिजिटल कार्ड से खातों से रुपया निकालने की कोई शिकायत नहीं मिली है। साइबर फ्राड का यह नया तरीका सामने आया है। यह बड़ा खतरनाक है। शादी के दिनों में डिजिटल कार्ड के जरिए लोगों से साइबर ठग अपने जाल में फंसा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है, लोग सतर्क रहे। केवल उन डिजिटल कार्ड को ही डाउनलोड करें जिसमें परिचित का नंबर हो।- नेत्रपाल, प्रभारी साइबर क्राइम थाना

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