यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पूर्व सांसद की मीट फैक्ट्री पर छापा; फुटेज कब्जे में ली
नोएडा में मांस पकड़े जाने के मामले में पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की अलीपुर जिजमाना स्थित अल साकिब मीट फैक्ट्री पर छापा मारा गया। जांच में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। फैक्ट्री से जुलाई के बाद से मीट एक्सपोर्ट नहीं हुआ है और सितंबर तक लोकल में बेचा गया है। अक्टूबर से फैक्ट्री बंद बताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। नोएडा की सूरजपुर थाना पुलिस रविवार को पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की अलीपुर जिजमाना स्थित अल साकिब मीट फैक्ट्री पहुंची। नोएडा सूरजपुर में मांस पकड़ने के एक आरोपित की निशानदेही व हिंदू संगठनों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। छापे के दौरान पुलिस, प्रशासनिक व निगम की टीम ने फैक्ट्री की बारीकी से जांच की। हालांकि उसे वहां कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला।
पूर्व सांसद ने बताया कि फैक्ट्री से मांस एक्सपोर्ट नहीं किया जा रहा है। अक्टूबर माह तक केवल लोकल में मांस बेचा गया है। अक्टूबर से फैक्ट्री बंद है। जांच टीम ने फैक्ट्री की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है। इसकी जांच की जा रही है।
नौ नवंबर को नोएडा के सूरजपुर थानाक्षेत्र के लुहारली टोल पर हिंदू संगठनों ने मांस से भरी एक गाड़ी पकड़ी थी। इसमें गाय का मांस बताकर उन्होंने हंगामा किया। सूरजपुर थाना पुलिस ने मांस के नमूने मथुरा लैब में जांच के लिए भेज दिए थे। नमूने की रिपोर्ट आई तो मांस गाय का पाया गया। पुलिस ने जिन आरोपितों को पकड़ा था, उनमें एक पूरन जोशी था।
पुलिस को दिए बयान में उसने बताया था कि बरामद मांस वह मेरठ के पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की मीट फैक्ट्री से लेकर आया था। इसके बाद रविवार को नोएडा के सूरजपुर थाने की पुलिस मेरठ जांच को पहुंची। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के साथ सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, नगर निगम की टीम व सूरजपुर थाना पुलिस पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की मीट फैक्ट्री पहुंची। यहां टीम ने करीब दो घंटे तक जांच की।
जांच में पता चला कि मांस अंतिम बार जुलाई में एक्सपोर्ट था। इसके बाद लोकल में रोजाना 70 से 80 पशुओं का कटान किया गया। सितंबर तक मांस बेचा गया है। इसके कागजात टीम ने अपने कब्जे में ले लिए। फैक्ट्री के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों से भी अधिकारियों ने पूछताछ की। जांच के दौरान टीम को फैक्ट्री में मांस नहीं मिला। यहां कुछ जीवित पशु मिले। टीम ने फैक्ट्री की सीसीटीवी फुटेज जांच के लिए कब्जे में ले ली है। अधिकारियों का कहना है कि इसकी जांच से पता चलेगा, कि आखिरी बार मीट फैक्ट्री से बाहर कब गया है।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा-
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पूर्व सांसद, शाहिद अखलाक ने बताया- मेरी फैक्ट्री से मीट जाने का आरोप गलत है। अक्टूबर से फैक्ट्री बंद है। जिस कंपनी का माल पकड़ा गया, उसे फैक्ट्री से पहले मांस सप्लाई किया जाता था। पकड़े गए माल की इनवायस, अन्य कागजात से इसकी जांच की जा सकती है। अधिकारी बारीकी से जांच कर लें, हम ऐसा कारोबार नहीं करते हैं। पकड़े गए आरोपित से अच्छी तरह पूछताछ होनी चाहिए।इसे भी पढ़ें: संभल हिंसा पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने सरकार पर फोड़ा ठीकरा; अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट से की संज्ञान लेने की मांगरविवार को सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी और नगर निगम की टीम ने पूर्व सांसद की फैक्ट्री पर छापा मारा है। दस्तावेज से पता चला है कि जुलाई के बाद मीट एक्सपोर्ट नहीं हो रहा है। सितंबर तक लोकल में बेचा गया है। अक्टूबर से फैक्ट्री बंद बताई गई है। सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है। जांच अभी जारी रहेगी।