विदेशियों से साइबर ठगी करने के लिए बताते हैं उनके जैसा नाम, वैसा ही बोलने का तरीका... मेरठ पुलिस पर्दाफाश में जुटी
Meerut News मेरठ पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जिसमें 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह विदेशी नंबरों का उपयोग करके यूएई और अमेरिका जैसे देशों के टोल फ्री नंबरों को डायवर्ट कराता था। फिर मोबाइल और लैपटॉप हैक होने की बात कहकर लोगों से उनकी निजी जानकारी और एटीएम कार्ड नंबर आदि प्राप्त कर मोटी रकम निकाल लेते थे।

जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर में पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। साइबर ठग शाहिद अंसारी के बेटे और साले समेत 17 लोग गिरफ्तार किए हैं। ऐसे मामले पूर्व में भी प्रकाश में आते रहे हैं। सरगना तकनीक के जानकार शातिरों की टीम बनाकर ठगी को अंजाम देते हैं। शातिर विदेशियों से उनके बोलने के तरीके (एक्सेंट) में बात करना जानते हैं। अपना नाम भी विदेशियों जैसा ही बताते हैं। जिससे लोग उनके झांसे में आ जाते हैं। मेरठ पुलिस अब शाहिद अंसारी जैसे सरगना के गिरोह के पर्दाफाश में जुटी है।
ऐसे करते हैं साइबर ठगी
पुलिस के अनुसार साइबर ठगी में विदेशी नंबरों का प्रयोग करते हैं। सेटिंग कर यूएई, अमेरिका समेत कई देशों के टोल फ्री नंबरों को अपने नंबर पर डायवर्ट करा लेते है। उसके लिए प्रत्येक काल के 1200 रुपये दिए जाते है। ज्यादातर एप्पल, सैमसंग कंपनियों के टोल फ्री नंबर अपने मोबाइल पर डायवर्ट कराते है।
कालर की शिकायत पर उन्हें बताया जाता है कि उनका मोबाइल और लैपटाप हैक हो चुका है। उनके मोबाइल पर एप डाउनलोड कराकर उनके मोबाइल की एक्सेस अपने मोबाइल पर ले लेते हैं। उसके बाद उनका पूरा डाटा कब्जे में ले लेते हैं। फिर उनका पूरा पता, नाम, जन्मतिथि और एटीएम कार्ड के नंबर तक को सत्यापन के नाम पर पूछते हैं।
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डालर से बिटक्वाइन में बदलवाते हैं रकम
पुलिस के अनुसार एटीएम कार्ड का नंबर डालकर रकम को ट्रांसफर कर लेते हैं। क्योंकि ओटीपी उनके मोबाइल नंबर पर आ जाता है, इसलिए ओटीपी पूछने की जरूरत नहीं पढ़ती है। विदेशों से एक-एक करोड़ जैसी मोटी रकम एक साथ निकाल लेते हैं। यह रकम डालर से बिटक्वाइन में बदलवा लेते हैं, उसके लिए भी मोटी रकम दी जाती है। यानि यह गिरोह प्रत्येक दिन करोड़ों की रकम वसूली करते हैं। पुलिस अब इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने की तैयारी कर रही है।
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