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    1811 करोड़ का घोटाला: एसपी के नेतृत्व में एसआईटी करेगी जांच, मास्टरमाइंड की तलाश जारी

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 07:53 AM (IST)

    1811 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी 122 फर्जी फर्मों के निर्माण और करोड़ों की टैक्स चोरी के मुख्य साजिशकर्ता की तलाश करेगी। इस घोटाले की गहराई से जांच करने और दोषियों को पकड़ने के लिए एसआईटी का गठन किया जा रहा है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। 1,811 करोड़ रुपये के टर्नओवर और 340.94 करोड़ की जीएसटी चोरी प्रकरण को लेकर शासन गंभीर हो गया है। प्रमुख सचिव (राज्य कर) एम देवराज ने शनिवार को विभिन्न राज्यों में फर्जी 122 बोगस फर्म की तह में जाने के लिए कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह, डीएम अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल से फोन पर बात की। प्रमुख सचिव ने प्रकरण से संबंधित राज्यों के अधिकारियों को जांच के लिए पत्र भी भेजे हैं।

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    इधर, एसएसपी ने शुक्रवार को दर्ज दो प्राथमिकी के बाद करोड़ों के इस खेल की जांच के लिए एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। साइबर सेल व सर्विलांस टीम के सदस्य भी होंगे। करोड़ों रुपये के ‘खेल’ की पहली कड़़ी 24 अक्टूबर को दो ट्रक लोहे के स्क्रैप पकड़ने के बाद मुरादाबाद में जीएसटी विभाग के हाथ लगी थी।

    जांच शुरू हुई तो पता चला कि लखनऊ के प्रवीण श्रीवास्तव के किरायानामा व बिजली बिल के आधार पर अंकित कुमार नामक शख्स ने एके इंटरप्राइजेज नाम से फर्म पंजीकृत कराई। उसने फर्म के आवेदन में लिखे दोनों मोबाइल नंबरों पर दर्ज कुल 122 बोगस फर्मों से महज ढाई साल में 1,811 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया। अपर आयुक्त ग्रेड टू एसआइबी आरए सेठ के अनुसार इन फर्मों के माध्यम से सिर्फ कागजों पर माल की खरीद-बिक्री दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट(आईटीसी) का दावा किया गया। यानी सरकार को टैक्स चुकाए बिना जीएसटी रिफंड लिया जा रहा था।

     

    दो प्राथमिकी हुईं दर्ज

     

    फर्जीवाड़ा व टैक्स चोरी की बात उजागर होने पर शुक्रवार को मामले में दो प्राथमिकी लिखी गईं। अब, गठित एसआईटी न केवल मुरादाबाद मंडल बल्कि उन सभी जिलों की जांच करेगी जहां से फर्जी पंजीकरण या लेन-देन का संबंध मिला है। इसके अलावा सभी ट्रांसपोर्ट रिकॉर्ड, जीएसटी पंजीयन फाइलें और बैंक लेनदेन भी पता लगाया जाएगा। घोटाले से जुड़े सभी संदिग्ध व्यापारियों, अधिवक्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और बिचौलियों से भी पूछताछ होगी।

    वहीं, विभाग भी जल्द ही बोगस फर्मों के जीएसटी पंजीयन रद करने व बकाया टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है। मुरादाबाद जोन के अपर आयुक्त ग्रेड-वन अशोक कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण पर खुद प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज की नजर है। प्रदेश में लखनऊ, आगरा, नोएडा, मेरठ और गाजियाबाद समेत कई जिलों के अलावा अन्य संबंधित राज्यों को पत्र भेजे जा चुके हैं।