UP By Election: सपा के बाद मायावती ने भी खेला मुस्लिम कार्ड, मीरापुर विधानसभा प्रभारी को बनाया प्रत्याशी
UP News मीरापुर विधानसभा सीट पर राजनीतिक दल सीट के इतिहास और भूगोल को ध्यान में रखकर प्रत्याशी का चयन करने में जुटे हैं। सपा ने जहां मुस्लिम कार्ड खेला है वहीं रालोद मंथन कर रहा है। पहली बार आजाद समाज पार्टी भी यहां चुनाव लड़ने की तैयारी में है। कांग्रेस ने सपा और भाजपा ने रालोद के लिए सीट छोड़ दी है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसीट पर उपचुनाव के लिए बसपा ने भी मुस्लिम कार्ड खेला है। मीरापुर विधानसभा प्रभारी शाहनजर को प्रत्याशी बनाया गया है। इससे राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गई है। सपा पहले ही यहां पर मुस्लिम प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अब रालोद के टिकट की तरफ निगाह टिकी है। उसके बाद उप चुनाव की तस्वीर साफ होगी। मीरापुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने मंथन के बाद अपने पत्ते खोल दिए हैं।
सपा से कादिर राणा की पुत्रवधू मैदान में
समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू सुम्बुल राणा पर दांव खेला है। राजनीतिक दलों ने इस सीट पर जातिय गणित के हिसाब से अपना गुणाभाग किया है। रविवार देर शाम को मुजफ्फरनगर पहुंचे बसपा के उत्तर प्रदेश पश्चिम प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने मीरापुर विधानसभा प्रभारी शाहनजर को प्रत्याशी घोषित किया है। उन्हें प्रत्याशी होने का पत्र जारी कर सिंबल दिया गया है।
मुजफ्फरनगर के बसपा कार्यालय पर शाहनजर को सिंबल सौंपते पदाधिकारी। सौजन्य बसपा
बसपा से थे कई दावेदार
पश्चिमी प्रदेश प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने बताया कि पार्टी की ओर से शाहनजर को प्रत्याशी घोषित किया गया है। बसपा की ओर से भी मुस्लिम कार्ड खेले जाने के बाद राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गई है। बसपा से कई दावेदार थे। अब रालोद के टिकट को लेकर राजनीतिक दलों के साथ लोगों की निगाह लगी है। रालोद का प्रत्याशी सामने आन के बाद उपचुनाव की तस्वीर साफ होगी।किसी एक दल की नहीं गली दाल
इस सीट का राजनीतिक इतिहास दर्शाता है कि यहां का वोटर किसी एक राजनीतिक दल के साथ लंबे समय तक नहीं रहा। इसी का नतीजा है कि कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और सपा से यहां से विधायक बने हैं। मीरापुर विधानसभा सीट का भू-भाग काफी विस्तृत और विविधतापूर्ण है। महाभारत कालीन तीर्थनगरी शुकतीर्थ इसी विधानसभा का हिस्सा है। हैदरपुर वेटलैंड समेत सबसे अधिक वन्य अभ्यारण क्षेत्र इसी विधानसभा क्षेत्र में है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सहकारी चीनी मिल मोरना है यहां
जनपद की एकमात्र सहकारी चीनी मिल मोरना इसी क्षेत्र में है। परिसीमन में दो बार इस सीट का भूगाेल बदला है। आजादी के बाद वर्ष 1952 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट का नाम मुजफ्फरनगर पूर्वी जानसठ उत्तरी था। वर्ष 1967 में इसका नाम मोरना विधानसभा कर दिया गया। इसके बार परिसीमन में वर्ष 2012 में मीरापुर सीट बनी। इस सीट में जानसठ और मारना ब्लाक शामिल हैं। यहां के वोटरों ने विभिन्न राजनीतिक दलों और बिरादरी के प्रत्याशियों को विधायक सभा भेजा है। ये भी पढ़ेंः UP Politics: विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेता अरशद राणा ने बदला पाला, एआईएमआईएम का दामन थामाये भी पढ़ेंः UP News: मीरापुर सीट पर उपचुनाव में होगा दिलचस्प मुकाबला, 2022 में रालोद ने सपा गठबंधन में जीता था चुनाव