UP News: 5 घंटे न्यायिक हिरासत में रहे राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, कोर्ट से जारी हुआ था गैर जमानती वारंट
Muzaffarnagar News Update आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने पर प्रदेश के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। कुछ घंटों के बाद कोर्ट से उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया। उनके खिलाफ वर्ष 2022 में खतौली विधान सभा उपचुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमा खतौली में दर्ज हुआ था।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने पर प्रदेश के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया और पांच घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहे। 25-25 हजार के दो जमानती और 25 हजार के मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद गुप्ता ने बताया, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मंत्री कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर विधान सभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस दौरान उन्होंने रामलीला टिल्ला में सभा की थी, जिसकी अनुमति उनके पास थी। लेकिन पुलिस ने कपिल देव अग्रवाल समेत छह लोगों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के अलावा महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज किया था, क्योंकि लाकडाउन के बाद चुनाव हुए थे और धारा 144 लगी हुई थी।
एमपी−एमएलए कोर्ट में चल रही सुनवाई
उन्होंने बताया, वर्तमान में मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है और अदालत में हाजिर नहीं होने पर कोर्ट से उनके गैर जमानती वारंट जारी किए थे। शुक्रवार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। उन्होंने बताया, कपिल देव पांच घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहे और बाद में उन्हें 25-25 हजार के दो जमानती और 25 हजार के मुचलके पर रिहा कर दिया गया। उन्होंने बताया, आरोप तय होने के लिए कोर्ट ने 27 सितंबर की तिथि निर्धारित की है।
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दिन में राज्यमंत्री पर लगाए आरोप, शाम को मुकरे
हाइवे के अलावा नहर, रजवाहा आदि स्थानों पर सिंचाई विभाग की भूमि पर होर्डिंग लगाने का टेंडर निरस्त होने के बाद शुरु हुई रार चंद घंटों में समाप्त हो गई। दिन में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले होर्डिंग कारोबारी शाम को अपने बयान से मुकर गए। दोनों पक्षों में वार्ता के पश्चात उन्होंने कहा कि आरोप निराधार और निरर्थक था, जो गलत सूचना के कारण लगा दिया, इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी।