ग्रेटर नोएडा में रबी फसल की बुवाई से पहले किसानों को इस बात की चिंता, पूरा ग्रामीण परेशान
बिलासपुर में रबी फसल की बुवाई से पहले किसानों को सिंचाई की चिंता सता रही है। नहरों में सिल्ट जमा होने के कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की सफाई ठीक से नहीं की जा रही है, जिससे किसानों को मुफ्त सिंचाई योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा और उन्हें महंगा डीजल खरीदकर सिंचाई करनी पड़ेगी। किसान नहरों की सही सफाई की मांग कर रहे हैं।

बिलासपुर में रबी फसल की बुवाई से पहले किसानों को सिंचाई की चिंता सता रही है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। रबी फसल की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को महंगा डीजल खरीदकर खेतों की सिंचाई करनी पड़ेगी। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी उन्हें सरकारी नहरों से फसलों के लिए मुफ्त सिंचाई योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इससे खेतों तक पानी पहुंचने में चुनौती खड़ी हो गई है।
सिंचाई विभाग नहरों की सिल्ट सफाई को लेकर महज दिखावा कर रहा है। नहरों से सिर्फ घास और झाड़ियां ही साफ की जा रही हैं। नहरों में डेढ़ से दो फीट तक सिल्ट जमा हो गई है, जिससे आगे पानी का बहाव असंभव हो गया है। किसानों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सिर्फ घास ही नहीं, बल्कि सिल्ट को भी सही तरीके से हटाने की मांग की है।
जिले में करीब 5,300 हेक्टेयर में रबी की फसल बोई जाएगी। सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराए हैं। किसान नहरों से मुफ्त सिंचाई योजना का लाभ उठाने की तैयारी में भी हैं। इसी के तहत सिंचाई विभाग ने जिले की सभी नहरों की सफाई शुरू कर दी है, लेकिन अभी सफाई ठीक से नहीं हो रही है।
रबूपुरा क्षेत्र के कुछ गांवों के खेतों की सिंचाई के लिए बनी नहरों की सफाई तो हुई है, लेकिन उनकी हालत खस्ता होती जा रही है। कुछ इलाकों में तो सिर्फ घास ही साफ की गई है, आसपास की झाड़ियों को काटा ही नहीं गया है। नहर के आसपास घास भी पड़ी है, जो पानी आते ही वापस नहर में बह जाएगी। पीपलका नहर गाद और खरपतवार से अटी पड़ी है, जिससे पानी टेल तक नहीं पहुंच पा रहा है।
गिरधरपुर नहर से रामपुर माजरा, रौनी, दलेलगढ़, ईसेपुर और बुलंद खेड़ा समेत कई गांवों के खेतों की सिंचाई होती है। इस नहर से भी गाद नहीं निकाली गई है। जिले में 50 से ज्यादा गांव ऐसे हैं जिनकी फसलों की सिंचाई इस नहर से हो सकती है, लेकिन गाद के कारण इन गांवों के किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।
कल्दा नहर से किसानों की फसलों की सिंचाई होती है। इस नहर की लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। ग्रामीण धान की सिंचाई के लिए पानी से वंचित हैं। अब अगर सफाई नहीं हुई तो किसान अपनी गेहूं की फसल से भी वंचित हो जाएंगे।
-कपिल प्रधान
पीपलका नहर नवादा और ननुवा गाँवों के किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराती है। इस माइनर की कई सालों से सफाई नहीं हुई है। नतीजतन, रबी की फसल की सिंचाई महंगे डीज़ल से करनी पड़ेगी।
-किसान संजय नागर
गाँव का सारा कूड़ा-कचरा नहर में जमा हो रहा है। सफाई के लिए बार-बार तहसील दिवस और सिंचाई विभाग से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन आज तक सफाई नहीं हुई।
-सुनील कुमार
सरकार की मुफ़्त सिंचाई योजना का फ़ायदा किसानों को तभी होगा जब नहरों की समय पर सफाई हो। इससे किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
-लीलू प्रधान
गिरधरपुर नहर गाद से भरी हुई है। सफाई के नाम पर बस घास हटा दी गई। सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। कई नहरों की सफाई हो चुकी है, लेकिन इस नहर की अनदेखी की जा रही है।
-सुरेन्द्र भाटी
नहर की सफाई के नाम पर सिर्फ़ घास निकाली जा रही है, जबकि डेढ़ से दो फ़ीट गाद जमा है। गाद सफाई न होने से टेल तक पानी पहुँचना मुश्किल हो रहा है।
-योगेश भाटी
गिरधरपुर नहर में गाद सफाई न होने से धान की फसल पानी से वंचित रह गई। अब गेहूँ की फसल की सिंचाई को लेकर किसानों में रोष है।
-रिंकू भाटी, रामपुर माजरा
दो साल से रामपुर माजरा गाँव के किसान ख़ुद नहर की सफाई कर रहे हैं और बहते पानी को अपने खेतों की ओर मोड़ रहे हैं। जब तक गाद साफ़ नहीं होती, तब तक खेतों तक पानी पहुँचना मुश्किल रहेगा।
-जीतराम भाटी
नहर से घास के साथ-साथ गाद की सफाई का काम टेल तक पानी पहुँचाने के लिए किया जा रहा है। नहर की सफाई का काम चल रहा है। फ़िलहाल, सफाई में गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि, हम उन नहरों का निरीक्षण करेंगे जहाँ सफाई का काम चल रहा है। यदि शिकायत सही पाई गई तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-हिमांशु गर्ग, एसडीओ सिंचाई विभाग

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