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असली अधिकारियों के हत्थे चढ़े फर्जी अफसर, फिर खुला ऐसा राज; सुनते ही हिल जाएगा दिमाग

Noida Crime News नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो जीएसटी अधिकारी व जिला पंचायत अध्यक्ष बनकर लोगों से ठगी करते थे। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 50 हजार रुपये और नई स्कॉर्पियो बरामद की गई है। पढ़िए आखिर ये शातिर आरोपी कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते थे।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 14 Oct 2024 01:42 PM (IST)
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नोएडा पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। फाइल फोटो

मुनीश शर्मा, नोएडा। नोएडा के फेज वन थाने में खनन अधिकारी बनकर तीन लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश किया है। मुख्य आरोपित मेरठ के राजकुमार उर्फ राजेंद्र और उसके साथी नोएडा सेक्टर 24 के अनुपम को रविवार को सेक्टर आठ नर्सरी के पास से गिरफ्तार किया। आरोपित से पुलिस ने 50 हजार रुपये व नई स्कॉर्पियो कार बरामद की।

आरोपित राजकुमार जीएसटी अधिकारी व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि बनकर व्यापारियों से 15 व नौ लाख रुपये की ठगी पहले भी कर चुका है। आरोपित पर तीन धोखाधड़ी समेत पांच मुकदमे दर्ज हैं।

अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी पुलिस

डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस टीम आरोपित की तलाश में जुटी थी। आरोपित राजकुमार उर्फ राजेंद्र व उसके साथी अनुपम को पुलिस टीम रविवार को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। अभी आरोपित के अन्य आठ-दस साथियों की तलाश में पुलिस जुटी है।

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उनको सेक्टर 10 के एक बेसमेंट में खोदाई का काम होने का पता चला था। राजकुमार फर्जी खनन अधिकारी बनकर अपने साथियों के साथ कार से मौके पर पहुंचा था। वहां पर ठेकेदार को खनन विभाग का छापा बताकर धोखाधड़ी से तीन लाख रुपये ले लिए थे।

जीएसटी अधिकारी बन लोनी की फर्म से ठगे 15 लाख रुपये

वर्ष 2022 में गाजियाबाद लोनी गुलाब वाटिका के अनिल कुमार की एके इंटरप्राइजेस फर्म पर जीएसटी का छापा पड़ा था। टीम ने 29 लाख कैश और 70 लाख रुपये खाते में सीज किये थे। पीड़ित अनिल कुमार से राजकुमार उर्फ राजेंद्र जीएसटी का क्लास वन अधिकारी बनकर मिला था। पूरा सेंटलमेंट कराने के नाम पर 10 लाख रुपये, दो एलसीडी की मांग की थी।

आरोपित पीड़ित को जीएसटी कार्यालय मेरठ लेकर गया था। वहां पीड़ित बाहर बैठा रहा था और आरोपित कार्यालय में जाकर अधिकारी से मिला था। उसके बाद आरोपित ने 15 लाख रुपये पीड़ित से ले लिए थे और 15-20 दिन में केस सेंटलमेंट होने की बात कही थी। एक माह तक भी समाधान नहीं होने पर जीएसटी कार्यालय में जाकर पूछताछ करने पर फर्जीवाड़े का पता चला था। पीड़ित ने सितंबर 2023 में रोहटा थाने में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

जिपं अध्यक्ष बन की थी नौ लाख रुपये की टाइल्स की धोखाधड़ी

मेरठ बिजली बंबा बाईपास पर टाइल्स का कारोबार करने वाले सुधांशु से जनवरी 2018 में राजकुमार अपने चार साथियों के साथ मिला था। आरोपित ने खुद को जिला पंचायत अध्यक्ष बताकर नौ लाख रुपये के टाइल्स का आर्डर दिया था। प्रभाव में आकर सुधांशु ने राजकुमार की ओर से बताए पते पर टाइल्स पहुंचवा दी थी। आरोपित राजकुमार ने इसके एवज में पांच व चार लाख रुपये के दो चेक दिये थे। बैंक में लगाने पर दोनों चेक बाउंस हो गए थे।

जानकारी करने पर पता चला था कि आरोपित ने झूठी जानकारी देकर धोखाधड़ी की थी। पीड़ित ने राजकुमार समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं आरोपित पर गंगानगर थाने में वर्ष 2017 में आबकारी, वर्ष 2021 में कंकरखेड़ा थाने में आपराधिक विश्वासघात व धमकी, एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।

नकदी व स्कॉर्पियो कार हुई बरामद

नोएडा के रोशन ने एक्स पर की शिकायत में बताया कि एक महिला एटीएम बूथ से पैसे निकालने गई थी। मशीन में एटीएम कार्ड फंस गया। हेल्पलाइन नंबर पर बात करने पर कैंसल बटन दबाने की जानकारी देते हुए पिन डलवाया था। इसके बाद घर से आधार कार्ड की कापी मंगाने को बोला। जब पीड़िता घर से आधार कार्ड की कापी लेकर आईं तो मशीन में कार्ड नहीं था। उसके बाद बैंक खाते से कई बार में एक लाख रुपये से ज्यादा की निकासी हो गई। पीड़िता ने शिकायत की तो पुलिस ने पांच लाख रुपये से कम की ठगी होने की बात कहकर संबंधित थाने जाकर शिकायत दर्ज कराने को बोला।

कार में बैठे भगवाधारी महाराज बने पहेली, पुलिस जांच में जुटी नोएडा पुलिस इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। घटना के दौरान कार में बैठे भगवाधारी महाराज सभी के लिए पहेली बने हैं। इस यक्ष प्रश्न का जवाब अभी पुलिस के पास भी नहीं है। पुलिस अधिकारियों ने अभी कोई ठोस जानकारी देने और होने से इनकार किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अन्य दस आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही इसका पता चल सकेगा।

पूर्व में धरे जा चुके हैं फर्जी रा अधिकारी शहर में ठग व टप्पेबाज नकली पुलिस बनकर नोएडा पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। पूर्व में एक्सप्रेस वे थाना क्षेत्र में नकली पुलिसकर्मी और सेक्टर 49 थाना क्षेत्र में फर्जी रा अधिकारी तक को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

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एसएसपी की मुहर लगाकर फर्जी वेरिफिकेशन करने वालों को एक्सप्रेस वे थाना पुलिस दबोच चुकी है जबकि यूपी काप से मारपीट के मुकदमे निकालकर एसपी व कलक्टर कार्यालय से फोन कर सेटलमेंट के नाम ठगने वालों सेक्टर 63 थाना पुलिस राजफाश कर चुकी है।

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