ग्रेनो वेस्ट से ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली सड़क पर बिना रुकावट अब दौडे़ंगे वाहन, प्राधिकरण व कंपनी में बनी सहमति
दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है।130 मीटर सड़क के 50 मीटर हिस्से पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और तोशा कंपनी के बीच सहमति बन गई है। इसके बन जाने से हजारों वाहन चालकों को फायदा होगा। बता दें 19 साल के लंबे इंतजार के बाद ऐसा हो पाया है। इससे पहले 130 मीटर सड़क पर कामर्शियल जगह की मांग कंपनी कर चुकी है।
अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा को ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जोड़ने के लिए बनाई गई 130 मीटर सड़क के दोनों ओर के 50 मीटर के विवादित हिस्सा का आखिरकार हल निकल आया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व तोशा कंपनी के बीच इस हिस्से को लेकर सहमति बन गई है।
प्राधिकरण करीब चार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगा। अगले दो से तीन महीने में सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा। इसके बनने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सिरसा गांव स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक बिना रुकावट की कनेक्टिविटी हो जाएगी।
28 किमी लंबी इस सड़क का पूरा हिस्सा ठीक है, लेकिन तिलपता गोल चक्कर से आगे देवला गांव के पास मात्र 50 मीटर सड़क का निर्माण नहीं हुआ था। इस हिस्से में गड्ढे ही गड्ढे हैं। 19 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद प्राधिकरण और कंपनी में सहमति बनी है।
अन्य हिस्से को लेकर पहले की तरह मामला कोर्ट में चलता रहेगा। आमजन से जुड़े इस मुद्दे को दैनिक जागरण लगातार उठा रहा था। यहां से प्रतिदिन करीब 40 हजार वाहन गुजरते हैं। एयरपोर्ट के संचालन के बाद संख्या और बढ़ जाएगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2004 में सिरसा व डाढ़ा गांव से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक 28 किमी सड़क का निर्माण शुरू किया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से सड़क को नोएडा और गाजियाबाद से भी जोड़ा गया है। तिलपता गोल चक्कर से आगे देवला गांव के पास तोशा कंपनी की फैक्ट्री का करीब 50 मीटर जमीन का कुछ हिस्सा आ गया।
कंपनी कोर्ट से स्टे आर्डर ले आई। तभी से प्राधिकरण और कंपनी के बीच मुआवजे के लेकर विवाद चल रहा है। इसके बाद कई बार जमीन को लेकर कंपनी प्रबंधन व प्राधिकरण के बीच बैठक हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
पिछले दिनों प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार ने कंपनी अधिकारियों के साथ बैठक कर जनहित का हवाला देकर जमीन देने को कहा जिस पर सहमति बनई गई। इसके एवज में प्राधिकरण कंपनी को अन्य विकल्प देगा।
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जानकारी के मुताबिक पूर्व में हुई बैठक में कंपनी ने मुआवजे के बजाय 130 चौड़ी सड़क पर इतना ही क्षेत्रफल कामर्शियल भूखंड के रूप में मांगा था। प्राधिकरण ने कामर्शियल भूखंड देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मामला अदालत पर ही निर्भर हो गया है।पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक का है लिंक
पहले ये सड़क सिरसा गांव तक बनाई गई थी। सिरसा के पास से ही दिल्ली के चारों तरफ बना पेरिफेरल एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। 130 मीटर सड़क को एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया गया। इसके बनने से ग्रेटर नोएडा से फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, नारनौल, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, हापुड़ व बागपत जाना आसान हो गया। यही कारण है कि सड़क पर यातायात का दबाव अधिक है।हो चुकी आपराधिक घटनाएं
50 मीटर हिस्सा पूरी तरह से जर्जर होने के कारण वाहनों की गति काफी धीमी हो जाती है। पूर्व में इस हिस्से में आपराधिक घटनाएं भी हो चुकी हैं। सुनसान इलाका होने के कारण बदमाशों को वारदात अंजाम देने में आसानी होती है। 2017 में एक ठेकेदार को तीन बदमाशों ने बंधक बना लिया था। दूसरी घटना आइएएस की तैयारी कर रहे युवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी कार भी लूट ली थी। निर्माण शुरू हुआ : 2004निर्माण कार्य पूरा हुआ : 2014निर्माण पर लागत आई करीब 550 करोड़सड़क की लंबाई : 28.2 किमीसड़क की चौड़ाई : 130 मीटरयह भी पढ़ें: खुशखबरी: नोएडा एयरपोर्ट के लिए सड़क की नई कनेक्टिविटी, NH-9 से जुड़ेगी पुश्ता रोड; किसे मिलेगा फायदा?130 मीटर सड़क के विवादित हिस्से का हल निकाल लिया है। कंपनी के साथ सहमति बन गई है। जल्द ही इस हिस्से को दुरुस्त करा दिया जाएगा। जनहित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हजारों वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
एनजी रवि कुमार, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण