यीडा 60 गांवों की जमीन पर बसाएगा 'नया आगरा', UP के छह जिलों को लाभ; पढ़ें क्या है मास्टर प्लान 2041
YEIDA News उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यमुना प्राधिकरण न्यू आगरा अर्बन सेंटर बनाएगा। इसके लिए एत्मादपुर तहसील के 60 गांवों की जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। इसका निर्माण 10 हजार हेक्टेयर में किया जाएगा। पहले फेज में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर को शामिल किया गया है। जबकि फेज दो में मथुरा अलीगढ़ और हाथरस शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने आगरा जिले में अधिसूचित क्षेत्र में न्यू आगरा अर्बन सेंटर का खाका खींच दिया है। एत्मादपुर तहसील के 60 गांवों की जमीन पर न्यू आगरा अर्बन सेंटर (New Agra Urban Center) को 10 हजार हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। नियोजन के हिसाब से इसे चार हिस्सों में बांटा गया है।
उसमें उद्योग, पर्यावरण, हेरिटेज व ट्रासंपोर्ट शामिल हैं। प्राधिकरण ने ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 15 जनवरी तक वक्त दिया गया है। आपत्ति व सुझावों का निस्तारण करने के बाद मास्टर प्लान को प्रदेश सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
यमुना प्राधिकरण ( Yamuna Authority) में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा जिले के गांव अधिसूचित है। प्राधिकरण ने फेज एक में गौतमबुद्ध नगर व बुलंदशहर को शामिल किया है। प्राधिकरण का विकास अभी तक फेज एक तक सीमित है।
फेज दो में मथुरा, अलीगढ़ और हाथरस को शामिल करते हुए मथुरा जिले में राया अर्बन सेंटर व अलीगढ़ जिले में टप्पल अर्बन सेंटर का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। मथुरा में हेरिटेज सिटी व टप्पल में मल्टी माडल लाजिस्टिक हब परियोजना के लिए डीपीआर, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
डा. अरुणवीर सिंहआगरा जिले के अधिसूचित क्षेत्र में विकास की शुरुआत के लिए प्राधिकरण ने ट्रैक्ट वेल स्काइ ग्रुप से मास्टर प्लान तैयार कराया है। एजेंसी ने आगरा के सामाजिक आर्थिक के साथ संरचनात्मक ढांचे, उद्यमी, पर्यटक, व्यापारी के साथ बैठक कर ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार किया है। इसे मास्टर प्लान 2041 का नाम दिया गया है। आगरा में समुचित अधिसूचित क्षेत्र का प्राधिकरण ने मास्टर प्लान तैयार किया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।चार क्षेत्रों पर फोकस
न्यू आगरा अर्बन सेंटर के मास्टर प्लान में चार क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है। कारोबार के लिए उद्योग, ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए पर्यटन, ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में होने के कारण पर्यवरण, ट्रैफिक व ट्रासंपोर्ट पर खास फोकस किया गया है।बड़े उद्योग होंगे स्थापित
न्यू आगरा अर्बन सेंटर ताज संरक्षित होने के कारण प्रदूषण रहित इकाइयां ही स्थापित हो सकती हैं। इसलिए प्राधिकरण ने प्रदूषण मुक्त बड़ी औद्योगिक इकाई लगाने की योजना तैयार की है। इसमें सेमीकंडक्टर, सूचना प्रौद्योगिकी, मोबाइल फोन निर्माण , सॉफ्ट टॉय, होम फर्निशिंग, टेक्सटाइल आदि की इकाइयों के लिए भूखंड आवंटित होंगे।पर्यटन का नया केंद्र बनेगा न्यू आगरा अर्बन सेंटर
आगरा में ताज महल और फतेहपुर सीकरी की ऐतिहासिक इमारतें दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। प्राधिकरण की योजना न्यू आगरा अर्बन सेंटर के जरिये पर्यटन की संभावनाओं को और बढ़ाना है।इसके तहत देश दुनिया की विभिन्न ऐतिहासिक साइट, हॉलीवुड, बॉलीवुड आदि से संबंधित मॉडल विकसित किए जाएंगे। पर्यटकों के लिए एक ही जगह पर दुनिया भर के समृद्ध इतिहास से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। नीदरलैंड के एम्स्टर्डम और राटरडैम की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा।थीम पार्क किए जाएंगे विकसित
टीटीजेड में होने के कारण पर्यावरण पर विशेष ध्यान होगा। थीम आधारित पार्क, एम्यूजमेंट पार्क, पार्क, हरित पट्टी आदि विकसित की जाएंगी। फेज एक व दो की अपेक्षा न्यू आगरा अर्बन सेंटर में हरित क्षेत्र अधिक होगा।ट्रांसपोर्ट एवं ट्रैफिक की समस्या को हल करेगा न्यू आगरा अर्बन सेंटर
आगरा में बढ़ती यातायात समस्या को न्यू आगरा अर्बन सेंटर में हल किया जाएगा। प्रस्तावित क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्ग हैं। इन पर यातायात के आने वाले समय में बढ़ते दबाव को देखते हुए नए मार्ग, पार्किंग स्थल, ट्रासंपोर्ट नगर आदि विकसित किए जाएंगे। सार्वजनिक परिवहन सेवा के ऐसे विकल्प पर काम होगा, जो यातायात के दबाव को कम करने में मददगार होगा।यह भी पढ़ें: इसी महीने नोएडा एयरपोर्ट से शुरू होगा कमर्शियल फ्लाइट का ट्रायल, अब एयरोड्रोम लाइसेंस की प्रक्रिया होना बाकीन्यू आगरा अर्बन सेंटर का ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। इस पर आपत्ति एवं सुझाव मांगे गए हैं। इनका निस्तारण कर अंतिम मास्टर प्लान तैयार होगा। शासन से स्वीकृति के बाद अर्बन सेंटर के विकास की योजनाएं तैयार की जाएंगी।
डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण