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अध्ययन और शोध की दुनिया से आई अच्छी खबर, समुद्री बैक्टीरिया से ठीक होगा स्‍तन कैंसर

Breast Cancer Treatment समुद्री बैक्टीरिया से मिले यौगिक स्तन कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकते हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व रिसर्च एसोसिएट डॉ. अमित ने बेंगलुरु की एक कंपनी में नैनो बायोटेक्नोलाजिस्ट के रूप में शोध कर यह सफलता हासिल की है। इन यौगिकों की पहचान की गई है जो कैंसर कोशिकाओं को कमजोर करने और उनके जीवन रक्षा तंत्र को नष्ट करने में सक्षम हैं।

By Amlendu Tripathi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 24 Nov 2024 04:49 PM (IST)
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Breast Cancer Treatment: कैंसर कोशिकाओं की ताकत खत्म हो सकती है। प्रतीकात्‍मक
जागरण संवाददाता, प्रयागराज । अध्ययन और शोध की दुनिया से अच्छी खबर आई है। भारतीय विज्ञानियों ने समुद्र से ऐसे तत्व निकाले हैं जो स्तन कैंसर ठीक करने में कारगर है। समुद्री बैक्टीरिया से ऐसे यौगिकों की पहचान की गई है, जो कैंसर कोशिकाओं को कमजोर करने और उनके जीवन रक्षा तंत्र को नष्ट करने में सक्षम हैं।

ये यौगिक एंजाइम, एनयूडीटी-5 को लक्षित करते हैं। इस एंजाइम को ब्लाक करके यौगिकों से कैंसर कोशिकाओं की ताकत खत्म हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होगा।

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करीब दो वर्ष से इस दिशा में कर रहे शोध

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिसर्च एसोसिएट रहे डा. अमित वर्तमान में बेंगलुरु स्थित कंपनी में नैनो बायोटेक्नोलाजिस्ट के रूप मेंं कार्यरत हैं। वह करीब दो वर्ष से इस दिशा में शोध कर रहे हैं। बताते हैं कि स्तन कैंसर से दुनियाभर के तमाम महिलाएं पीड़ि हैं। इसके इलाज के लिए जो भी उपाय अभी हैं वे बहुत प्रभावी नहीं होते। इनमें गंभीर दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं।

यही कारण है कि नई खोज अहम है। नए यौगिक जो खोजे गए हैं वे कैंसर कोशिकाओं को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं। इससे इलाज का तरीका बदल सकता है। मरीजों को दुष्प्रभाव से भी बचाया जा सकेगा। समुद्र में पाए गए हजारों बैक्टीरिया से यौगिकों की वर्चुअल स्क्रीनिंग की गई। उनमें चार ऐसे यौगिक मिले, जो एनयूडीटी-5 एंजाइम के साथ बेहतरीन तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं।

विशेष साइट्स पर एक मजबूत बंधन बनाते हैं ये यौगिक

ये यौगिक कैंसर कोशिकाओं में स्थित विशेष साइट्स पर एक मजबूत बंधन बनाते हैं। जो एंजाइम को अपनी कार्य क्षमता में हस्तक्षेप करने से रोकते हैं। इस तरह कैंसर कोशिकाओं को अपनी ऊर्जा और डीएनए मरम्मत के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिल पाते। इससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। शोध की महत्वपूर्ण बात यह है कि इन यौगिकों में उच्च स्थिरता पाई गई है।

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उनका संरचनात्मक स्थायित्व 200 नैनोसेकंड्स तक बना रहा, जो संकेत करता है कि ये यौगिक वास्तविक जीवन में भी प्रभावी हो सकते हैं। इन यौगिकों ने फ्री एनर्जी लैंडस्केप विश्लेषण में भी बेहतरीन परिणाम दिखाए हैं। वे दवाओं के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह खोज सिर्फ स्तन कैंसर के उपचार में ही नहीं, बल्कि भविष्य में कैंसर के अन्य रूपों के लिए भी आशा की किरण साबित हो सकती है।

समुद्र के अदृश्य संसाधनों को पहचानकर भारतीय वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल जीवन रक्षक दवाओं के लिए हो सकता है। यह खोज भारत को वैश्विक स्तर पर कैंसर शोध में नई पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव हो सकती है। समुद्र के रहस्यों से मिली इस नई उम्मीद ने यह दिखाया है कि विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय नवाचार नई दिशा की ओर अग्रसर है।

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