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UP News: साइबर अपराधियों ने मंत्री नन्दी की कंपनी को बनाया निशाना, 5 करोड़ रुपये की ठगी का था लक्ष्य

Minister Nand Gopal Nandi साइबर अपराधियों ने कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की कंपनी से ₹5 करोड़ की ठगी की कोशिश की। कंपनी के अकाउंटेंट को दो अलग-अलग नंबरों से संदेश भेजे गए। एक ही नंबर पर चैट होने के कारण अपराधी ₹2 करोड़ 8 लाख रुपये उड़ा ले गए। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों से कई अहम राज उगलवाए हैं।

By rajendra yadav Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 23 Nov 2024 08:02 AM (IST)
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कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के अकाउंटेंट से की गई थर ठगी। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की कंपनी से पांच करोड़ रुपये की ठगी का टारगेट साइबर अपराधियों ने रखा था। इसके लिए कंपनी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को दो अलग-अलग नंबर से संदेश भेजा गया था। हालांकि एक ही नंबर पर चैट होने के कारण अपराधी दो करोड़ आठ लाख रुपये उड़ा दिए थे। साइबर थाने की पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपितों ने कई अहम राज खोले हैं।

पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला है कि साइबर अपराधियों के गैंग ने मजदूर, छात्र और छोटे दुकानदारों को जाल में फंसाकर उनके नाम से बैंक में खाते खुलवाते थे। एक बार जिस अकाउंट में बड़ी रकम आती थी, उससे पूरा पैसा ट्रांसफर करने के बाद उस खाते को बंद कर देते थे। ताकि जब तक खाताधारक को पैसे के बारे में पता चले और वह निकालने की सोचे उसे कमीशन देकर शांत किया जा सके।

रायबरेली के खाताधारक सहित पांच आरोपितों को पकड़ने के बाद पुलिस टीम गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। शुक्रवार को भी गैंग से जुड़े एक संदिग्ध को उठाया गया। उससे ठगों और उनके नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि सभी का बयान अंकित करने और साक्ष्य संकलित करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी। जागरण


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ऑनलाइन गेमिंग में निवेश की रकम

साइबर अपराधियों ने ठगी की रकम को ऑनलाइन गेमिंग में भी निवेश किया है। कहा गया है कि लाखों रुपये गेमिंग में लगाकर उससे और ज्यादा पैसा कमाने के लिए किया गया है। इसके साथ ही कागजी कंपनी के नाम रकम दिखाकर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी भी बनाना था। फिलहाल इस बारे में जांच टीमें पूरी जानकारी टीम जुटा रही हैं।

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गैंग में शामिल है विदेशी महिला

तफ्तीश में जुटी पुलिस टीम ने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को खंगाला तो पता चला कि गिरोह में विदेशी महिला भी शामिल है। वह एक एनजीओ की आड़ में झारखंड और पश्चिम बंगाल आ चुकी है। कुछ दिनों तक दिल्ली में भी ठहरी थी और नेटवर्क में शामिल खास एजेंट से मुलाकात करके वापस चली गई थी। पुलिस टीम मान रही है कि महिला एनजीओ के नाम पर लोगों को जोड़कर साइबर अपराधियों के लिए काम करती है। उसका पूरा ब्यौरा खंगाला जा रहा है।

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