एएमयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल, लिंगदोह समिति का हवाला
इलाहाबाद हाई कोर्ट में एएमयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि एएमयू अधिनियम 1920 और लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए बाध्य है लेकिन पिछले छह वर्षों में ऐसा नहीं किया गया है। प्रार्थना की गई कि एएमयू प्रबंधन को छात्र संघ चुनाव कराने के लिए निर्देशित किया जाए।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रसंघ चुनाव के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने एएमयू के वकील को इस पर विश्वविद्यालय से 10 दिन में जरूरी निर्देश लेने का समय दिया है।
एलएलएम छात्र कैफ हसन का कहना है कि वर्ष 2019 से चुनाव नहीं कराए जाने से एएमयू छात्रों के अधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन हो रहा है।
पिछले छह वर्षों में नहीं हुआ चुनाव
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई की। इसमें कहा गया है कि एएमयू अधिनियम 1920 और लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, विश्वविद्यालय निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए बाध्य है, लेकिन पिछले छह वर्षों में ऐसा नहीं किया गया है।यह केरल विश्वविद्यालय बनाम काउंसिल ऑफ प्रिंसिपल्स कालेज केरल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानबूझकर अवज्ञा है। इसमें शीर्ष न्यायालय ने छात्रसंघ चुनाव के महत्व पर जोर दिया है। विश्वविद्यालय को यूजीसी से मिलने वाले अनुदान में छात्रसंघ के लिए भी धन शामिल है।
प्रतिवादी अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन, कोई फैसला नहीं
याचिका में यह भी दावा है कि छात्रों ने संबंधित प्रतिवादी अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन किया है, लेकिन वह अब तक कोई फैसला नहीं ले सके हैं।याची का कहना है कि एएमयू में लगभग 40 हजार छात्र नामांकित हैं और उनकी शिकायतों और अन्य संबंधित समस्याओं के उचित समाधान को प्रतिनिधित्व के लिए छात्रसंघ की आवश्यकता है।
जनहित याचिका में प्रार्थना की गई है कि एएमयू प्रबंधन को लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, छात्र संघ चुनाव कराने के लिए निर्देशित किया जाए।
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