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जगद्गुरु रामभद्राचार्य को हाई कोर्ट से राहत, विवादित बयान पर FIR दर्ज करने की मांग की याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है। याचिका में रामभद्राचार्य पर मुलायम सिंह यादव और कांशीराम के खिलाफ विवादित बयान देने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने कहा कि लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। रामभद्राचार्य की ओर से अपर महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी और विनीत संकल्प ने पक्ष रखा। कहा कि लगाए गए आरोप सही नहीं है।

By Tara Gupta Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 07 Oct 2024 01:40 PM (IST)
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जगद्गुरु रामभद्राचार्य को हाई कोर्ट से राहत, विवादित बयान पर FIR दर्ज करने की मांग की याचिका खारिज

विधि संवाददाता, प्रयागराज। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बसपा के संस्थापक कांशीराम को लेकर विवादित बयान को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज हो गई है। न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और आइपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज करने की मांग में दाखिल पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। इससे उन्हें राहत मिली है।

रामभद्राचार्य पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव और कांशीराम के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने व बिहार में एक जाति विशेष पर टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।

एफआइआर दर्ज करने की मांग

कहा था कि जो लोग जय श्रीराम नहीं बोलते वह एक खास जाति के हैं। इन दोनों बयानों को लेकर सपा-बसपा के समर्थकों में खासी नाराजगी देखने को मिली थी। इसके बाद उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता प्रकाश चंद्र ने इलाहाबाद की जिला अदालत में अर्जी दाखिल की थी।

याची का कहना था कि जिला अदालत ने सुनवाई किए बिना ही पोषणीयता के आधार पर अर्जी को खारिज कर दिया था। जिला अदालत के इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता प्रकाश चंद्र प्रयागराज के यमुनानगर इलाके के रहने वाले हैं।

उन्होंने हाई कोर्ट से रामभद्राचार्य के विरुद्ध इस मामले में शिकायत दर्ज किए जाने की मांग की थी। रामभद्राचार्य की ओर से अपर महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी और विनीत संकल्प ने पक्ष रखा। कहा कि लगाए गए आरोप सही नहीं है। कोर्ट ने याचिका निराधार मानते हुए खारिज कर दी।

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