Prayagraj News: प्रयागराज में संतों की बैठक में हंगामा, अखाड़े के दो गुटों के बीच जमकर हुई हाथापाई; Video
महाकुंभ से पहले अखाड़ों का आपसी विवाद सतह पर आ गया। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के साथ प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पर अखाड़ों के प्रमुख संतों के साथ गुरुवार की दाेपहर बैठक चल रही थी। बैठक के बाद मेला क्षेत्र में जमीन दिखाया जाना था। इसके पहले निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास व दूसरे संतों में कहासुनी होने लगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ से पहले अखाड़ों का आपसी विवाद सतह पर आ गया है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पर एकत्र हुए 13 अखाड़ों के संत आपस में भिड़ गए। इस दौरान निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास की कुछ संतों ने पिटाई कर दी। इससे नाराज होकर श्रीमहार्निवाणी, निर्मोही अनी, दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी, निर्मल व अटल अखाड़ा के संतों ने जमीन देखने से इन्कार कर दिया।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी, जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि, सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि के खिलाफ कुंभ मेलाधिकारी व पुलिस के अधिकारियों को तहरीर देकर मामले की जांच करवाकर कार्रवाई की मांग की। वहीं, दूसरा गुट भी तहरीर देने की तैयारी कर रहा है।
अखाड़ों को एकजुट रखने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन किया गया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर 2021 को मृत्यु के बाद अखाड़े दो धड़े में बंट गए हैं। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के आमंत्रण पर समस्त अखाड़ों के संत प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे।प्रयागराज में संतों की बैठक में हंगामा
अखाड़ा परिषद के दो गुटों के बीच मारपीट
बैठक के बाद मेला क्षेत्र में दिखाई जानी थी जमीन
मौके पर काफी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात pic.twitter.com/SkemBKgXYj
— UP Desk (@NiteshSriv007) November 7, 2024
'बैठने के लिए कुर्सी मांगी तो विवाद शुरू कर दिया'
राजेंद्र दास का आरोप है कि फर्जी लोगों को कुर्सी पर बैठाया गया था। बैठने के लिए कुर्सी मांगी तो विवाद शुरू कर दिया। वहीं, दूसरे पक्ष ने किसी प्रकार का विवाद होने से इन्कार किया है। मेलाधिकारी के साथ जूना, निरंजनी, अग्नि, आह्वान, आनंद, नया अखाड़ा, बड़ा अखाड़ा के संतों ने गंगापार जाकर जमीन का निरीक्षण किया।वे प्रशासन की तैयारी से संतुष्ट नजर आए। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना था कि आठ अखाड़ों को जमीन दिखा दी गई है। जो बचे हैं उन्हें शुक्रवार की सुबह दिखाई जाएगी।
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