पराली जलाने की घटनाओं पर दिल्ली से रखी जा रही नजर, रायबरेली में दो मामले आए सामने
रायबरेली में पराली जलाने की घटनाओं पर ICAR दिल्ली सीधे नजर रख रही है। जिले में पाँच घटनाओं की सूचना मिली, जिनमें से दो की पुष्टि हुई है। पराली जलाने से पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरता पर बुरा असर पड़ता है। किसानों को जागरूक करने के साथ ही अधिकारियों को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पराली जलाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। पिछले साल 161 मामले सामने आए थे और 75000 रुपये जुर्माना वसूला गया था।
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जागरण संवाददाता, रायबरेली। किसान पराली न जलाएं, इसके लिए उन्हें जागरूक करने के साथ ही उसके उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। इन प्रयासों के बाद भी धान कटने के बाद कई घटनाएं सामने आती हैं। किसान चोरी छिपे खेतों की पराली जलाने का प्रयास करते हैं।
अब पराली जलाने की इन घटनाओं की इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आइसीएआर) दिल्ली से सीधे नजर रखी जा रही है। दिल्ली से जिले में पांच पराली जलाने की घटनाएं होने की जानकारी उपलब्ध कराई गई, इनमें से दो घटनाओं की पुष्टि हुई है।
पराली जलाने से सिर्फ पर्यावरण पर ही असर नहीं पड़ता, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी खत्म होती है। इस बार भी धान कटाई शुरू होते ही किसानों को जागरूक किया गया। अब पराली जलाने की घटनाओं की आइसीएआर से सैटेलाइट के जरिए निगरानी की जा रही है। आइसीएआर से जिले में पांच घटनाएं होने की जानकारी दी गई।
इसकी जांच कराई गई तो दो घटनाएं महराजगंज के कुसुढ़ी सागरपुर में सामने आई हैं। यहां दो किसानों ने पराली जलाई। इन दोनों किसानों को नोटिस दी गई है। इसके अलावा दो घटनाएं अमेठी के तिलोई तहसील क्षेत्र की होने की बात सामने आई, हालांकि एक घटना की पुष्टि नहीं हो सकी।
अधिकारियों को सौंंपी गई जिम्मेदारी
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला स्तर पर एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। तहसील स्तर पर एसडीएम, सीओ व कृषि विभाग के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावां लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, कृषि विभाग के कर्मचारियों को निगरानी के साथ किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए।
कहीं कोई पराली जलाने की घटना न होने पाए। इसके अलावा थाना प्रभारी व ग्राम प्रधानों को भी जिम्मेदारी दी गई है। कंबाइन हार्वेस्टर संचालकों को निर्देश दिया गया कि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट लगाकर ही धान की कटाई करें।
पिछले वर्ष हुए 161 पराली जलाने के मामले
पहली बार दो एकड़ तक पराली जलाने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ में पांच हजार और पांच से अधिक एकड़ में पराली जलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है। पिछले वर्ष जिले में कुल 161 मामले पराली जलाने के हुए थे। इनमें से किसानों से 75 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया था।
आइसीएआर से पांच घटनाओं की जानकारी मिली थी, इनमें से दो महराजगंज क्षेत्र की हैं, दो किसानों को नोटिस दी गई है। दो घटनाएं अमेठी के तिलोई की हैं।
अखिलेश पांडेय, जिला कृषि अधिकारी

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