'मैं तो अटैची लेकर आया था, हमारे साथ बहुत कम ऐसा हुआ है' आखिर क्यों बोले आजम खान?
रामपुर से सपा नेता आजम खां ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे तो बस अपना सामान लेकर आए थे। उन्होंने पुलिस पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि उनके पूरे परिवार को अपराधी बनाया गया, यहाँ तक कि उनकी दिवंगत माँ पर भी मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की अनदेखी की बात भी कही।

कोर्ट के फैसले के बाद बाहर आते आजम खान।
जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खां ने अदालत के फैसले पर कहा कि मैं तो अटैची लेकर आया था। हमारे साथ बहुत कम ऐसा हुआ है कि बेगुनाही में हम बेगुनाह साबित हुए हों। पुलिस ने जिस तरह से ताबड़तोड़ मुकदमे कायम किए, उनमें सच को छुपाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अब अगर किसी मुकदमे में हम बरी होते हैं तो जान लीजिए कि उन सारी हदों को हमने पार किया और इंसाफ लेने में कामयाब हुए।
आजम ने कहा, अफसोस यह है कि हम पूरे परिवार के साथ मुजरिम बने। मेरे अलावा मेरी पत्नी, बच्चे, भाई, बहन और मेरी मरी हुई मां पर भी मुकदमे कर दिए गए। हमें तो यही पता था कि ऑडियो या वीडियो जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के बाद मुजरिम को फांसी के तख्ते से उतार दिया जाता है और बेगुनाह साबित हो चुके व्यक्ति को फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया जाता है। हमने अब्दुल्ला की पैदाइश की तारीख के संंबंध में तमाम सुबूत दिए थे। हमने अदालत में गुजारिश करते हुए यह भी कहा कि अब सिर्फ अल्लाह मियां को आसमान से उतरकर आना रह गया है।
एक मामले में कल आया था फैसला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध भड़काऊ भाषणबाजी के मामले में मंगलवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) शोभित बंसल ने फैसला सुनाया। इसमें आरोप साबित न होने पर आजम खां को बरी कर दिया। न्यायालय ने पुलिस की विवेचना पर भी सवाल उठाए। मुकदमे की विवेचना तत्कालीन सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शरद पवार ने की थी, जो वर्तमान में मुरादाबाद में एलआईयू में हैं।

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