सरकारी राशन के गेहूं में मिला रहे थे मिट्टी, ग्रामीणों ने DM से कर दी शिकायत- 6 कर्मचारियों को कर दिया सस्पेंड
Shahjahanpur News in Hindi टीम को कई ग्राम पंचायतों में खाद्यान्न काफी खराब गुणवत्ता का मिला। इसके बाद डीएम ने वितरित होने वाले गेहूं के भंडारण स्थल भारतीय खाद्य निगम के रौसरकोठी गोदाम पर जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा जिला खाद्य विपणन अधिकारी राकेश मोहन पांडेय व खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी से चंद्रशेखर मिश्रा से संयुक्त जांच कराई।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। सरकार की ओर से जो गेहूं कार्डधारकों को निश्शुल्क वितरण के लिए भेजा गया था उसमें मिट्टी की मिलावट की जा रही थी। ग्रामीणों की शिकायत पर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने जांच कराई तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई।
जांच अधिकारियों को दुकानों पर भेजे गए राशन की गुणवत्ता भी काफी खराब मिली। डीएम ने खाद्य एवं रसद विभाग के तीन विपणन निरीक्षक व समेत छह कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया है। उन्होंने इन सभी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।
कई दिनों से मिल रही थीं शिकायत
डीएम को पिछले कुछ दिनों से राशन की दुकानों पर मिलने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता खराब होने व उसमें मिट्टी की मिलावट होने की शिकायतें मिल रहीं थीं। उन्होंने कई गांवों से इस तरह की जानकारी सामने आने पर पूर्ति निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी व विपणन निरीक्षक की संयुक्त टीम गठित कर जांच कराई।
टीम को कई ग्राम पंचायतों में खाद्यान्न काफी खराब गुणवत्ता का मिला। इसके बाद डीएम ने वितरित होने वाले गेहूं के भंडारण स्थल भारतीय खाद्य निगम के रौसरकोठी गोदाम पर जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा, जिला खाद्य विपणन अधिकारी राकेश मोहन पांडेय व खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी से चंद्रशेखर मिश्रा से संयुक्त जांच कराई।
बता दें कि ग्रामीण कई दिन से गेहूं में मिट्टी मिलावट की शिकायत कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि जब वह गेहूं पिसाई के लिए जाते हैं तो उसमें काफी मात्रा में मिट्टी मिली होती है। इसके बाद गांव वालों ने शिकायत डीएम से की थी। डीएम की जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद डीएम ने दोषी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
डीएम ने दोषी कर्मचारियों को किया सस्पेंड
जानकारी के लिए बता दें कि टीम ने वहां रखे गेहूं की जांच की तो वह गुणवत्तायुक्त मिला। एफसीआइ के कर्मचारियों ने अधिकारियों को बताया कि तीन दिन पहले गोदाम में रखे गेहूं की पावर क्लीनर से सफाई करायी गई थी। यह भी बताया गया कि सितम्बर में खाद्यान्न जारी करने से लेकर उठान के लिए तैनात प्रभारी, विपणन निरीक्षक, आरएफसी व एफसीआइ के गुणवत्ता नियंत्रण व तकनीकी सहायक उत्तरदायी हैं। इन लोगों ने सही तरीके से खाद्यान्न के गुणवत्ता की परख नहीं की। खराब खाद्यान्न राशन विक्रेताओं को भेज दिया गया।
डीएम ने जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर गुणवत्ता परीक्षण के लिए कार्यरत प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रक विशाल शर्मा, तकनीकी सहायक प्रथम पूनम व हरिकान्त को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही विपणन विभाग के प्रेषण प्रभारी विपणन निरीक्षक रामकृष्ण दुबे, रविकांत मिश्रा, मोहित कुमार को भी निलंबित कर दिया है। इन सभी के विरुद्ध डीएम ने उच्चाधिकरियों से विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।