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Smart Meter: कितनी बिजली हुई खर्च, प्रतिदिन फोन पर ही मिल जाएगी पूरी जानकारी; यूपी में लग रहे स्मार्ट मीटर

उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। 4 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है लेकिन अभी तक सिर्फ 1200 ही स्मार्ट मीटर लगाए जा सके हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की दिलचस्पी न होने के कारण यह काम तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बिलिंग में होने वाली गड़बड़ियों से मुक्ति मिलेगी।

By Durgesh Shukla Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 23 Oct 2024 07:08 PM (IST)
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स्मार्ट मीटर लगाते कर्मचारी - जागरण ।
जागरण संवाददाता, सीतापुर। स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य काफी सुस्त चल रहा है। पावर कारपोरेशन ने पहले चरण में सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के निर्देश पोलारिस कंपनी को दिए थे। अब तक सिर्फ 50 सरकारी कार्यालयों में ही स्मार्ट मीटर लग सके हैं। बिजली विभाग के सभी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने जाने के निर्देश हैं, लेकिन अब तक अधिशासी अभियंता प्रथम कार्यालय में ही स्मार्ट मीटर लगाया गया है। वितरण खंड द्वितीय, बिसवां व महमूदाबाद में नहीं लगाए गए है।

चार लाख का लक्ष्य, लगाए गए 1200

जिले में स्मार्ट मीटर लगाने के मिले आंकड़े निराशाजनक हैं। चार लाख से अधिक उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक सिर्फ 1200 ही स्मार्ट मीटर लगाए जा सके हैं, जोकि एक फीसदी भी नहीं है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा़ आशीष गोयल ने भी तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर निर्देश भी दिया है।

ये मिलेंगे लाभ

बिलिंग में गड़बड़ी को लेकर आए दिन उपभोक्ताओं को बिजली कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। स्मार्ट मीटर लगने से इससे छुटकारा मिल जाएगा। प्रतिदिन घर में कितनी बिजली खर्च हुई इसका हिसाब उपभोक्ता के मोबाइल फोन पर दिखेगा। इसमें कितने रुपये की बिजली खर्च हुई इसकी भी जानकारी मिल जाएगी।

अधिकारी दिलचस्पी लें तो कार्य पकड़े तेजी

बिजली विभाग के अधिकारी भी स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसके चलते स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। शासन का निर्देश भी है कि जल्द से जल्द उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाए जाएं।

जिले में स्मार्ट मीटर को लेकर कंपनी के सदस्यों के साथ बैठक की जाएगी। जल्द से जल्द स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, इसको लेकर निर्देशित किया जाएगा। - रामशब्द, अधीक्षण अभियंता, बिजली।

मनमानी भेजा जा रहा बिजली बिल, जिम्मेदार बेफिक्र

सुलतानपुर: बिजली विभाग में मनमानी ढंग से बिजली बिल भेजने पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सैकड़ों की जगह कई हजार का बिल आते ही उपभोक्ता हैरान हैं। बिल ठीक कराने के लिए डिवीजन का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, कुछ उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनको सात वर्ष से बिजली का बिल नहीं मिला है। जिम्मेदार इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय बेफिक्र नजर आ रहे हैं।

केस-एक

लंभुआ डिवीजन के कोथरा निवासी अजय श्रीवास्तव ने आटा चक्की के लिए आठ किलोवाट का कनेक्शन लिया है। 12 सितंबर को उनका 26 हजार 240 रुपये बिल आया था। इस माह उनका बिल 44 हजार 472 रुपये आया, तो वह परेशान हो गए।

उपकेंद्र से लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय का वह कई बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि बिना उनकी जानकारी के तीन किलोवाट लोड भी बढ़ा दिया गया है। बिजली बिल ज्यादा आने की शिकायत वह कई बार कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार बिजलीकर्मी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

केस-दो

प्रथम डिवीजन के लौहर पश्चिम निवासी विपिन दुबे ने 12 दिसंबर 2017 को कनेक्शन लिया था। तब से अब तक उन्हें बिजली का बिल नहीं मिला है। बुधवार को उनके परिवार के विनय दुबे अधिशासी अभियंता के कार्यालय में बिल कितना हो गया है और क्यों नहीं आ रहा है, इसकी जानकारी के लिए भटकते रहे। यहां काउंटर पर कार्यरत बिजलीकर्मी की ओर से बताया गया कि सर्वर नहीं चल रहा है। इंतजार करिए या फिर अगले दिन आइए।

केस-तीन

खैंचिला निवासी प्रियंका शर्मा ने बताया कि उन्हें इस महीने से पहले कभी भी बिजली का बिल नहीं मिला। घर में लाइट और दो पंखे का उपयोग होता है, लेकिन बिजली का बिल अधिक आ गया। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में उनका बिल 683 रुपये आया है, जबकि चार सौ के अंदर आना चाहिए।

कराई जाएगी जांच

अधीक्षण अभियंता अखिलेश सिंह ने बताया कि बिजली बिल अधिक आने और लोड बढ़ाने की जांच कराई जाएगी। समय से बिल न देने वाले संबंधित बिजलीकर्मियों से जवाब-तलब कर कार्रवाई की जाएगी।

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