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दिल्ली 200 तो मुंबई की वेटिंग 300 सौ पार, तत्काल टिकट भी मिलना मुश्किल; इन ट्रेनों की इतनी है वेटिंग

दीपावली और छठ पूजा के कारण ट्रेनों में भारी भीड़ है दिल्ली के लिए वेटिंग 200 और मुंबई के लिए 300 से पार हो चुकी है। लोग सुबह-सुबह तत्काल टिकट के लिए लाइन में लग रहे हैं लेकिन फार्म की कमी के कारण अधिकतर लोग टिकट नहीं ले पा रहे हैं। शुक्रवार को केवल 15 एसी और 21 स्लीपर टिकट के लिए फार्म वितरित हुए।

By surya pratap singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 08 Nov 2024 04:58 PM (IST)
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तत्काल टिकट भी मिलना मुश्किल - प्रतीकात्मक तस्वीर।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। दीपावली और छठ पूजा के कारण दिल्ली की वेटिंग 200, मुंबई की तीन सौ के पार चल रही है। ऐसे में तत्काल टिकट के लिए लोग भोर में लाइन लगा रहे। इसके बाद भी फार्म न मिलने की वजह से टिकट नहीं मिल पा रहा है। इससे लोग निराश होकर घर लौटने को मजबूर हैं। शुक्रवार को तत्काल टिकट के लिए 15 एसी और 21 स्लीपर टिकट के इच्छुक लोगों को ही फार्म मिल पाया। इनमें से एसी के 11 और स्लीपर के 15 लोगों को ही टिकट मिल सका।

इन ट्रेनों की इतनी है वेटिंग

जंक्शन से होकर मुंबई जाने वाली साकेत एक्सप्रेस की 300, तुलसी एक्सप्रेस 280, सुलतानपुर एक्सप्रेस की वेटिंग 270 चल रही है। दिल्ली जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस की वेटिंग दो सौ, सुहेलदेव एक्सप्रेस 175, हिमगिरि एक्सप्रेस 170, श्रमजीवी एक्सप्रेस की 155 चल रही है। ट्रेनों में वेटिंग की इस स्थिति में टिकट बुक कराने आए लोग तत्काल टिकट का विकल्प चुनते हैं, लेकिन अधिकांश को निराशा हाथ लग रही है।

तत्काल टिकट पाना आसान नहीं

कोहड़ौर के कसियाही निवासी शिशिर कुमार मुंबई के लिए तत्काल टिकट लेने के लिए बुकिंग काउंटर पर आए थे। उन्होंने बताया की वह सुबह छह बजे यहां पहुंचे गए, लेकिन उन्हें फार्म नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यहां तत्काल टिकट लेने के लिए लोगों को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं।

यही हाल दिल्ली जाने के लिए टिकट कराने के लिए आए शिवगढ़ के कामता प्रसाद, पकड़ी के जय प्रकाश, परतोष के संतोष कुमार, जमखुरी के विनय कुमार, वल्लीपुर के राधेश्याम का रहा। जो टिकट के लिए इधर-उधर भटकते रहे। इन लोगों को फार्म तक नहीं मिल सका।

त्योहार पर रहती है भीड़

वाणिज्य निरीक्षक विवेक त्रिपाठी ने बताया की दीपावली और छठ पूजा का त्योहार लोग घर पर मनाते हैं। इससे वेटिंग लंबी हो जाती है। तत्काल में जिस हिसाब से एसी और स्लीपर में सीट रहती है, उसी हिसाब से फार्म वितरित कराए जाते हैं।

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