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Bijli Bill Scam: बेहिसाब बिल देख ट्रामा में गए शुभम की मौत के बाद खुल रहे पर्दे, 12000 से अधिक का बिल गलत! मंथन जारी

Electricity Bill Scam बेहिसाब बिजली का बिल देख अवसाद में गए शुभम की मौत के बाद अब बिजली विभाग के खेल के पर्दे खुलने लगे हैं। जांच कर तीन सदस्यीय टीम ने भी ऐसा कुछ मामला पकड़ा है जिसके बाद पूरे विभाग के बिलिंग रीडिंग और उसके उपभोक्ताओं के प्रति नजरिए को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी जांच रिपोर्ट को लेकर मंथर चल रहा है।

By amit mishra Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 16 Oct 2024 09:37 PM (IST)
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14 सितंबर को जमा बिजली बिल पर उठे सवाल

जागरण संवाददाता, उन्नाव। Bijli Bill: बेहिसाब बिजली का बिल देख अवसाद में गए शुभम की मौत के बाद अब बिजली विभाग के खेल की परत दर परत खुलने लगी है। पहले तो चेक मीटर के द्वारा की गई जांच में उसके घर लगा मीटर सही पाया गया।

वर्तमान में उसके घर पर लगे मीटर में कनेक्शन से लेकर अब तक 538 यूनिट बिजली खर्च होना बताया जा रहा है। यानी 30 माह में ग्रामीण क्षेत्र के बिल पर मिलने वाली छूट और फिक्स चार्ज की गणना करने पर बिल 3400 से चार हजार रुपये के बीच होगा। जबकि, विभाग ने उसके 1.09 लाख रुपये के बिल का संशोधन करते हुए 16 हजार 377 रुपये जमा कराया गया। यानी करीब 12 हजार रुपये से अधिक बिल लिया गया।

रिपोर्ट को लेकर मंथन जारी

खास बात यह है जांच कर तीन सदस्यीय टीम ने भी ऐसा कुछ मामला पकड़ा है। जिसके बाद पूरे विभाग के बिलिंग, रीडिंग और उसके उपभोक्ताओं के प्रति नजरिए को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके चलते अभी जांच रिपोर्ट को लेकर मंथर चल रहा है।

बिजली विभाग में कार्यरत अवर अभियंता, एसडीओ व जेई आदि की माने तो ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बिल के रूप में प्रति माह 50 रुपये फिक्स चार्ज (किराया) और तीन से साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल बनता है।

कई बिल बकाया पर छूट राशि कम करने के साथ कुछ अन्य देय

इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में लगभग सौ रुपये फिक्स चार्ज और पांच रुपये या फिर साढ़े पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल के रूप में वसूल किया जाता है। इसके अलावा यदि कई बिल बकाया हैं तो छूट राशि कम करने के साथ ही कुछ ब्याज व अन्य देय लगा देते हैं। लेकिन वह देय न्यूनतम होते हैं।

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अब बात वसैना कुशलपुर जो ग्रामीण क्षेत्र में आता है। यहां के निवासी के शुभम ने 10 मार्च 2022 को एक किलो वाट का बिजली कनेक्शन लिया। उसके घर मीटर रीडर ने जो बिल एक सितंबर 2024 को जो बिल निकाल कर दिया वह 1.09 लाख रुपये से अधिक का था।

तीन गुना वसूला गया बिजली बिल

जबकि, विभागीय नियमों के अनुसार शुभम के घर 29 महीनों में खर्च हुए 505 यूनिट बिजली के सापेक्ष करीब 33 या 34 सौ रुपये बिल होना चाहिए। यदि इस बकाया बिल पर ब्याज व अन्य कर आदि को देखा जाए तो वह एक या डेढ़ हजार रुपये बढ़ सकता है। यानी बिल अधिकतम पांच हजार के लगभग पहुंचेगा। इसके बाद भी शुभम का बिजली का बिल 16 हजार 377 रुपये वसूल किया गया।

यानी जिम्मेदारों ने गरीब शुभम के बिल संशोधन में सब कुछ जानते हुए भी केवल औपचारिकता पूरी की। लेकिन भाग दौड़ के बाद भी बिजली विभाग के जेई, एसडीओ ने शुभम को वास्तविक रीडिंग की जगह मनमानी करते हुए 16 हजार 377 रुपये का बिल मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रख वसूल लिया।

यदि विभाग की इस मनमानी को सही मान भी लिया जाए तो जमा किए गए 16 हजार 377 रुपये की इंट्री करने में भी संवेदनशीलता नहीं रखी गई और 15 दिन बाद ही दूसरा बिल आठ हजार का पहुंचा दिया गया।

ग्रामीण क्षेत्र के लिए

बिजली की औसत दर  3 से 3.50 रुपये प्रति यूनिट
प्रति कनेक्शन फिक्स चार्ज  50 रुपये प्रति माह

शहरी क्षेत्र के लिए

बिजली की औसत दर  5 से 5.50 रुपये प्रति यूनिट
प्रति कनेक्शन फिक्स चार्ज  90 से 100 रुपये प्रति माह

दिवंगत शुभम का बिल पर एक नजर

  • 1 सितंबर 2024 की रीडिंग-748859
  • 1 सितंबर को बिल जारी हुआ-109221 रुपये
  • रीडिंग के समय मीटर पर दर्ज यूनिट-505 यूनिट
  • संशोधन के बाद जमा पहला बिल-16377 रुपये
  • पहला बिल जाम होने के बाद नया बिल -8000 लगभग
  • वर्तमान में शुभम के मीटर की रीडिंग - 538

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