यूपी में विजिलेंस टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी, घूस लेते रंगेहाथ सरकारी अधिकारी को पकड़ा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी है। सोमवार दोपहर जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को लखनऊ की विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ 10 हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ लिया। माइक्रो बायोलाजिस्ट केके गुप्ता ने जिला मलेरिया अधिकारी पर 50 दिन के चिकित्सा अवकाश को अग्रसारित करने के नाम पर घूस मांगने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई के बाद भी अधिकारी व कर्मी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार दोपहर जिला मलेरिया अधिकारी को लखनऊ की विजिलेंस टीम (उप्र सतर्कता अधिष्ठान) ने रंगेहाथ 10 हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ लिया। बिना किसी को कुछ बताए टीम उन्हें व शिकायतकर्ता को अपने साथ लेकर चली गई। इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिसूचना उप्र सतर्कता अधिष्ठान डा अरविंद ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में तैनात माइक्रो बायोलाजिस्ट केके गुप्ता ने जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव के समक्ष अपना 50 दिन का चिकित्सा अवकाश रखा।
केके गुप्ता का आरोप है कि चिकित्सा अवकाश को अग्रसारित करने के नाम पर जिला मलेरिया अधिकारी ने घूस के तौर पर 10 हजार रुपये की मांग की। मना करने पर उसके अवकाश पत्र को अग्रसारित नहीं किया। इस पर पीड़ित केके गुप्ता ने लखनऊ की विजिलेंस टीम से संपर्क किया। टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। टीम ने रविवार रात को ही जिले में डेरा डाल दिया।
उन्नाव पुलिस की मदद से सोमवार दोपहर करीब एक बजे टीम के सदस्य जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां पहले से मौजूद माइक्रो बायोलाजिस्ट केके गुप्ता अपने अधिकारी को घूस के 10 हजार रुपये दे रहा था। टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को रंगे हाथ 10 हजार की घूस लेते धर दबोचा। पकड़े गए जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव पर लखनऊ के सतर्कता अधिष्ठान थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
डीएम गौरांग राठी व एसपी दीपक भूकर ने बताया कि विजिलेंस टीम जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को पकड़कर अपने साथ ले गई है।
लखनऊ के जानकीपुर में रहते हैं रमेश चंद्र
रमेश चंद्र यादव मौजूदा समय में लखनऊ के जानकीपुरम में परिवार के साथ रह रहे हैं। वर्ष 2018 में उनकी उनकी तैनाती उन्नाव में जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में हुई थी। जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय निकट कमला भवन के पास स्थित है।
सोमवार दाेपहर करीब एक बजे हिरन नगर से संचारी रोग नियंत्रण अभियान का स्थलीय निरीक्षण कर अपने कार्यालय पहुंचे ही थे कि माइक्रो बायोलाजिस्ट केके गुप्ता उनके चेंबर में पहुंचे और घूस के रुपये दिए ही थे कि पीछे से आई विजिलेंस टीम ने उन्हें धर लिया। टीम अपने साथ माइक्रो बायोलाजिस्ट को भी ले गई।
घूस लेते पकड़े गए यह अधिकारी व कर्मी
21 सितंबर 2024: लखनऊ की एंटी करप्शन शाखा ने 50 हजार की घूस लेते पुलिस क्लब में रह रहे पुलिस विभाग के निरीक्षक हीरा सिंह को पकड़ा
11 सितंबर 2024: सफीपुर कोतवाल के जीप चालक कानपुर देहात के भोगनीपुर क्षेत्र के जलपुरा गांव निवासी मुख्य आरक्षी वीरेंद्र यादव को पांच हजार रुपये घूस लेते एंटी करप्शन ने पकड़ा।
जुलाई 2024: सफीपुर तहसील में तैनात लेखपाल सदर क्षेत्र के पूरन नगर निवासी विकास वर्मा को किसान से तीन हजार रुपये की घूस लेने पर एंटी करप्शन (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) ने पकड़ा था।
18 दिसंबर 2023: एंटी करप्शन टीम ने सफीपुर में पूर्ति कार्यालय के लिपिक अमन माथुर को तीन हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था।
मई 2024: लखनऊ की एंटी करप्शन टीम ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ लिपिक को 50 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
7 सितंबर 2022: सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने सोहरामऊ क्षेत्र के आशाखेड़ा गांव स्थित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक पुष्पलता सिंह को पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा।
22 दिसंबर 2021: लखनऊ की एंटी करप्शन टीम ने कार्यालय खंड शिक्षा अधिकारी औरास में तैनात बाबू विनोद कुमार को पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ा।
29 जनवरी 2019: विजिलेंस टीम ने हसनगंज तहसील में छापेमारी कर कानून-गो गोकरन पाल को 500 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था।
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