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    उन्नाव में सरकारी दवाएं व सिरप कूड़े में जलाए गए, CHC अधीक्षक और चीफ फार्मासिस्ट पर कार्रवाई 

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 07:35 AM (IST)

    उन्नाव के सफीपुर सीएचसी में परिवार कल्याण की दवाएं कूड़े में जलाई गईं। 2026 तक एक्सपायरी डेट वाली दवाएं जैसे गर्भनिरोधक और विटामिन की गोलियां शामिल थीं। सीएचसी अधीक्षक ने जांच का आदेश दिया है। जांच दल ने जली हुई दवाओं को जब्त कर लिया है। लापरवाही के चलते अधीक्षक और फार्मासिस्ट को पद से हटा दिया गया है। डीएम ने तीन दिन में जांच पूरी करने का आदेश दिया है।

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    जागरण संवाददाता, उन्नाव। परिवार कल्याण समेत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में वितरण के लिए आने वाली दवाएं मरीजों को न देकर कूड़े में जलाई जा रही हैं। सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में धुआं उठता देख आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। जहां कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में ऐसी दवाएं जल रही थी।

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    जिनकी एक्सपायरी डेट भी वर्ष 2026 की है। जलाई गई दवाओं में गर्भनिरोधक और विटामिन की टेबलेट, बच्चों के सिरप, अल्प्राजोलम टेबलेट आदि शामिल हैं। मौके पर तमाम अधजली दवाएं भी पड़ी हैं। दवाएं क्यों जलाई गई इसका कोई सटीक जवाब सीएचसी अधीक्षक भी नहीं दे पाए। उन्होंने कहाकि अभी इसकी जानकारी नहीं है, जांच कराऊंगा।

    सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीछे की ओर धुआं उठता देख कुछ लोग वहां पहुंच गए। कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में दवाएं जलते देख लोगों ने उसका वीडियो भी बना लिया। जो दवाएं कूड़े के ढेर में जल रहीं थी वह सरकारी दवाएं थीं। उनमें कई अधजली दवाओं के रैपर देखने से पता चला उनकी एक्सपायरी डेट वर्ष 2026 की है।

    जो दवाएं कूड़े के ढेर में जल रहीं थी उनमें कई अधजली रह गईं। वह गर्भ निरोधक दवाएं और अन्य संसाधन के पैकेट, गर्भवती को दी जाने वाली विटामिन की टेबलेट, बच्चों को बुखार व पेट संबंधी समस्या होने पर दिए जाने वाले सिरप, विटामिन डी के पाउच, अल्प्राजोलम टेबलेट, इंजेक्शन आदि थे।

    प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सीएचसी में ही पीछे जहां गंदगी और कूड़ा जमा था उसी में यह दवाएं जलाई गई थीं। क्षेत्रीय लोगों में चर्चा है कि मरीजों को दिए जाने वाली दवाएं न देकर उन्हें बाहर से दवा लिखी जाती है और सरकारी अभिलेखों में दवा वितरित दिखा दी जाती है। उसे ठिकाने लगाने के लिए दवा जला दी जाती है।

    वैसे सफीपुर सीएचसी में प्रतिदिन 200-300 की ओपीडी होती है, मरीजों के अनुपात में ही ड्रग स्टोर से दवाएं दी जाती हैं। अधिकांश दवाओं के रैपर तक जल गए थे जो कुछ बचे थे, उन अधजली दवाओं में विटामिन डी की एक्सपायरी डेट जुलाई 2026 लिखी है। अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए प्रयोग किए जाने वाले साधनों के पैकेट भी अधजले मिले हैं।

    क्षेत्रीय नागरिकों ने संभावना जताई कि यह दवाएं परिवार कल्याण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भी हो सकती हैं। सीएचसी अधीक्षक डा. राजेश कुमार ने कहाकि दवा जलाई गई है या फेंकी गई है इसकी कोई जानकारी नहीं है। सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने कहाकि इसकी मुझे जानकारी नहीं है। अधीक्षक से स्पष्टीकरण लेकर जांच कराऊंगा।

    दो एसीएमओ ने की जांच, जली व अधजली दवाएं कब्जे में ली

    सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी मात्रा में दवाएं जलाने के मामला सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सीएमओ ने जांच के लिए मुख्यालय से दो एसीएमओ को सफीपुर सीएचसी भेजा है।

    जांच टीम के पहुंचने से पहले ही तमाम दवाएं हटवा दी गई थीं लेकिन उसके बाद भी सच्चाई नहीं छिप सकी। मौके पर तमाम जली और अधजली दवाएं मिली हैं। जांच अधिकारियों ने दवाओं को कब्जे में लेकर उनके बैच नंबर से अस्पताल को कब कितनी दवा दी गई इसका पता लगाने को कहा है।

    सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने सीएचसी में कूड़े में फेंक दवाएं जलाने की जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ड्रग स्टोर प्रभारी डा. आरके गौतम और एसीएमओ डा. एचएन प्रसाद को मौके पर भेजा। हालांकि जांच टीम पहुंचने के पहले ही सीएचसी से दवाएं हटवाना शुरू कर दिया गया था।

    जबतक दोनों एसीएमओ अस्पताल पहुंचे काफी जली अधजली दवाएं हटवाई जा चुकी थीं। दवाएं हटवाई जा रहीं थी इसी बीच दोनों एसीएमओ पहुंच गए उन्हें देख दवाओं को हटाने में लगे कर्मचारी इधर उधर हो गए। एसीएमओ एचएन प्रसाद ने बताया कि मौके पर जली अधजली दवाएं मिलीं हैं इससे स्पष्ट है दवाएं कूड़े में फेंकी गई है जिन्हें कब्जे में लिया गया है। जिन दवाओं व सिरप के रैपर पढ़ने में उन सभी के सैंपल सील किया है।

    दवाओं की कीमत कितनी होगी इस सवाल पर ड्रग स्टोर प्रभारी ने कहा कि दवाएं ड्रग स्टोर से आती हैं उन पर कीमत नहीं होती है। बैच नंबर के आधार पर कौन से दवा कब कितनी सफीपुर सीएचसी को दी गई थी इसका मिलान जिला ड्रग स्टोर रजिस्टर से करूंगा तभी यह पता चलेगा कितनी दवा गई थी जिसको जलाया जा सकता है।

    वहीं सामान्य दवा करोबारियों ने कहा कि जिस तरह की दवाएं हैं उनकी सरकारी कीमत क्या है यह तो नहीं पता है पर खुले मार्केट में इनकी कीमत लाखों में होगी। क्योंकि लगभग पंद्रह गत्ता दवा बहुत होती है। सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने कहा कि दो एसीएमओ की जांच समिति गठित कर दी है।

    अभी जांच टीम लौटी नहीं है। जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकांश दवाएं परिवार कल्याण कार्यक्रम से संबंधित हैं इससे निदेशक परिवार कल्याण ने भी सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है।

    मिली अधजली दवाएं व उनका प्रयोग

    • कैलशियम एंड विटामिन डी 3 :हड्डियों में कैल्शियम की कमी होने पर देते हैं
    • आयरन, फोलिक एसिड टेबलेट : रक्त की कमी होने पर दी जाती है
    • लेवोनोर्गेस्ट्रेल : महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवा
    • पैरासीटामोल टेबलेट : बुखार के लिए
    • पैरासीटामोल सीरप : बच्चों को बुखार में दी जाने वाली।
    • मेट्रोनिडाजोले टेबलेट व सीरप : दस्त आने पर देते हैं।
    • विटामिन ए सीरप : बच्चों को रतौंधी से बचाने के लिए पिलाया जाता है।

    दवा जलाने के मामले में सीएचसी अधीक्षक और चीफ फार्मासिस्ट पर की गई कार्यवाही

    सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी मात्रा में दवा जलाने के मामले में प्राथमिक जांच में सीएमओ ने सफीपुर सीएचसी अधीक्षक ओर फार्मासिस्ट की लापरवाही मिलने पर दोनों को सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। निदेशक परिवार कल्याण डा. पवन ने सीएमओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी।

    दो एसीएमओ डा. एचएन प्रसाद और डा. आरके गौतम ने मौके पर जांच करने के बाद रिपोर्ट दी जिसमें सीएचसी अधीक्षक और चीफ फार्मासिस्ट को दोषी पाया। सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने पर सीएचसी अधीक्षक डा. राजेश और चीफ फार्मासिस्ट को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से संबद्ध कर दिया। जांच पूरी हाेने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

    तीन दिन में पूरी करें जांच

    डीएम गौरांग राठी ने बताया कि दवा जलाने के मामले में सीएमओ ने सीएचसी अधीक्षक डा. राजेश वर्मा और चीफ फार्मासिस्ट प्रेमशंकर को सफीपुर से हटाकर सीएमओ कार्यालय से संबद्ध किया है। तीन दिन में जांच पूरी कर दोषी मिलने पर निलंबन की कार्रवाई करने को सीएमओ से कहा है।