बनारस के सरकारी भवन बिना खर्च बनाएंगे बिजली, इस कंपनी ने उठाई पूरी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत छोटे विद्युत उपभोक्ताओं को सब्सिडी देकर सोलर संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इसके अलावा सरकारी और अर्द्ध सरकारी भवनों पर सोलर रूफटाप संयंत्र लगाने की पहल की जा रही है जिसमें रिन्यूएबल इनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मोड में सोलर संयंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। छोटे विद्युत उपभोक्ताओं को "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली" योजना के तहत सब्सिडी देकर सोलर संयंत्र लगाने के लिए शासन-प्रशासन प्रोत्साहित कर रहा है। साथ ही सरकारी व अर्द्ध सरकारी भवनों पर सोलर रूफटाप संयंत्र लगाने की पहल धीमी गति से चल रही है।
विभागों के पास लाखों-करोड़ों रुपये के व्यय का बजट नहीं होने की वजह से सरकारी कार्यालय ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अब रिन्यूएबल इनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मोड में सोलर संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत विभाग को सोलर सिस्टम लगाने के लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सोलर संयंत्र लगाने का पूरा खर्च रेस्को वहन करेगी।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) के निदेशक अनुपम शुक्ला ने परियोजना अधिकारी को पत्र भेजकर इस दिशा में कार्य करने को कहा है। कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों पर रेस्को के सोलर रूफटाप लगाए जाएं। इसमें विभाग को कोई खर्च नहीं देना होगा।
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विभाग केवल 25 वर्षों के लिए रेस्को को सोलर सिस्टम लगाने के लिए अपनी छत अधिकृत करेगर। रेस्को मोड में सोलर रूफटाप से उत्पादित विद्युत का टैरिफ व उपभोग हुई बिजली के आधार पर मासिक बिल रेस्को को देना होगा। इसके लिए विभाग रेस्को से पावर परचेज एग्रीमेंट करेगा।
किसी विभाग की छत पर 25 किलोवाट से 200 किलोवाट तक का संयंत्र लगेगा तो वह जितना बिजली खर्च करेगा उसका बिल वह रेस्को को 4.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से देगा। 200 किलोवाट से अधिक और 2000 किलोवाट तक का संयंत्र लगता है तो मात्र 4.85 रुपये प्रति यूनिट देना होगा।
यह दर वर्तमान में सरकारी कार्यालयों को मिलने वाली बिजली विभाग के बिजली दर आठ रुपये प्रति यूनिट से काफी कम है। रेस्को सौर बिजली उत्पादन कर बिजली ग्रिड को देगा। इस प्रकार सभी सरकारी विभाग सूर्य की रोशनी से बिजली पैदा कर पर्यावरण की रक्षा तो करेंगे ही साथ ही उनकी भारी वित्तीय बचत भी होगी। वैसे कई सरकारी भवनों पर बड़े सोलर रूफटाप संयंत्र पहले से काम कर रहे हैं।
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क्षमता |
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय | 352 किलोवाट |
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय | 1000 किलोवाट |
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ | 135 किलोवाट |
विकास भवन में | 75 किलोवाट |
दीवानी न्यायालय | 105 किलोवाट |
आयुक्त कार्यालय | 35 किलोवाट |
34वीं वाहिनी, पीएसी भुल्लनपुर | 270 किलोवाट |
सरकारी कार्यालय | वर्तमान खर्च |
तहसील पिंडरा |
45 किलोवाट |
ब्लाक सेवापुरी | 15 किलोवाट |
ब्लाक बड़ागांव |
13 किलोवाट |
ब्लाक पिंडरा | 11 किलोवाट |
तहसील राजातालाब |
7.5 किलोवाट। |