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काशी के ज्ञान का वैभव सात समंदर पार, संस्कृत में प्रवचन दे रहे ब्राजील के छात्र; PM मोदी से हैं प्रभावित

ब्राजील में स्थापित विश्व विद्या गुरुकुलम के छात्र-छात्राएं संस्कृत में प्रवचन दे रहे हैं। PM मोदी को भी संस्कृत में परिचय दे चुके हैं। काशी के डॉ. सरोज पांडेय आनलाइन कक्षा के माध्यम से उन्हें संस्कृत संभाषण सिखा रहे हैं। विश्व विद्या गुरुकुलम में 12 पूर्णकालिक स्वयंसेवक संस्कृत प्रशिक्षण लेकर ब्राजील पुर्तगाल आदि यूरोपीय और कैरेबियाई देशों में संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण देने को तैयार हैं।

By Shailesh Asthana Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 23 Nov 2024 07:32 AM (IST)
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ब्राजील में वैदिक मंत्रों से संस्कृत में स्वागत करने वाले विश्व वि्द्या गुरुकुलं के छात्रों के साथ PM।-स्रोत-वीडिया ग्रैब दूरदर्शन)
शैलेश अस्थाना, जागरण, वाराणसी। ‘मम नाम सू-जी, मम नगरस्य नाम: रियो डि जेनेरियो..’ ‘मम नाम फेरनंदा, मम देशस्य नाम: ब्राजील.’ आदि..। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संस्कृत में परिचय देती ब्राजील की युवतियों को बीत 19 नवंबर को पूरे विश्व ने तब देखा, जब वह जी-20 की बैठक में प्रतिभाग करने वहां पहुंचे थे।

ये सभी युवतियां ब्राजील में प्रो. जानस मजेठी (अब आचार्य विश्वनाथ) द्वारा स्थापित विश्व विद्या गुरुकुलं की छात्राएं हैं। पूरे विश्व में वेदांत, श्रीमद्भागवतगीता, रामायण आदि सनातन हिंदू धर्मग्रंथों का प्रचार-प्रसार करने को संकल्पित आचार्य विश्वनाथ यानी प्रो. जानस मजेठी के कुल 5000 छात्र-छात्राएं उनके इस मिशन में उतरने को तैयार हैं।

पहले अंग्रेजी व ‘पोर्चुगीज’ भाषा में वेदांत का प्रसार कर रहे इन ब्राजीली स्वयंसेवकों को काशी के डा. सरोज पांडेय आनलाइन कक्षा के माध्यम से संस्कृत संभाषण करना सिखा रहे हैं। उनके प्रयासों से विश्व विद्या गुरुकुलं में 12 पूर्णकालिक स्वयंसेवक संस्कृत प्रशिक्षण लेकर ब्राजील, पुर्तगाल आदि यूरोपीय और कैरेबियाई देशों में संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण देेने को तैयार हैं।

सात समंदर पर फैल रहे काशी के ज्ञान वैभव के प्रकाश से पूरा विश्व आलोकित हो, इस प्रयास में भारतीय ही नहीं, अनेक विदेशी नागरिक भी पूरे मनोयाेग से लगे हुए हैं। इस कार्य में प्रो. मजेठी के अतिरिक्त ब्राजील की ही प्रो. मर्शिया जेमी व पुर्तगाल की प्रो. पाउलो भी लगी हुई हैं।

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प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ सुनकर हुआ जुड़ाव

मूलत: बेसिक शिक्षा परिषद के काशी विद्यापीठ विकास खंड के गाड़ीवानपुर (भगवानपुर) विद्यालय में अध्यापक डा. सरोज पांडेय संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण देने वाली संस्था संस्कृत भारती में प्रांत प्रचार प्रमुख हैं। उन्होंने सार्वभौम संस्कृत प्रचार संस्थानम् से संस्कृत संभाषण सीखा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग सवा साल पूर्व एक बार अपने ‘मन की बात’ की बात में प्रो. जानस मजेठी यानी आचार्य विश्वनाथ का जिक्र किया।

बताया कि भारतीय संस्कृति से प्रभावित प्रो. मजेठी पूरे विश्व में वेदांत का प्रचार पुर्तगाली व ब्राजीलियन भाषा ‘पोर्चुगीज’ में कर रहे हैं। उन दिनों डा. पांडेय अमेरिका के लोगों को आनलाइन संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण दे रहे थे। अमेरिका में वेदांत का प्रचार कर रहे पुर्तगाल निवासी प्रो. पाउलो ने डा. पांडेय को आचार्य विश्वनाथ से संपर्क कराते हुए बताया कि वे संस्कृत सीखना चाहते हैं।

इसके पश्चात प्रो. मजेठी यानी आचार्य विश्वनाथ उनसे जुड़ गए। फिर तो आचार्य विश्वनाथ ने अपने 5000 शिष्यों को संस्कृत सिखाने का दायित्व प्रो. पांडेय पर डाल दिया, जिसे वे बखूबी निभा रहे हैं। प्रत्येक मंगलवार को आनलाइन ही रामायण की कक्षा चलती है।

ब्राजील के रिया डि जेनेरियो में प्रधानमंत्री का वैदिक मंत्रों से संस्कृत में स्वागत करते विश्व वि्द्या गुरुकुलं के छात्र। (स्रोत : वीडिया ग्रैब दूरदर्शन)


वेदांत प्रचार को तैयार हो रहे विश्व विद्या गुरुकुलं के अंत:वासी

ब्राजील के रियो डि जेनेरियो शहर के पेत्रोपोलस में आचार्य विश्वनाथ द्वारा स्थापित विश्व विद्या गुुरुकुलं में पांच हजार छात्र वेदांत व सनातन धर्म के अन्य वांग्मय की शिक्षा ले रहे हैं। काेयंबटूर में चार वर्षों तक रहकर वेदांत का अध्ययन करने वाले आचार्य विश्वनाथ ने उन छात्रों के माध्यम से पूरे विश्व में वेदांत का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया है।

गरुुकुलं में ब्राजील, पुर्तगाल व अन्य देशों के युवा विद्यार्थी हैं। ये सभी पूर्णतया भारतीय वेशभूषा में धोती, उत्तरीय, भस्म-तिलक, चंदन आदि लगाए, शिखादि धारण किए हुए काशी के गरुकुल के बटुकों की तरह ही वहां संस्कृत सीख रहे हैं। अब वहां संस्कृत के 12 पूर्णकालिक प्रशिक्षक तैयार हो चुके हैं। कई महिलाएं संस्कृत में प्रवचन करने लगी हैं। ये सभी डा. पांडेय से संस्कृत में ही वाट्सएप, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर चैटिंग करते हैं।

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संस्कृत में प्रधानमंत्री का स्वागत करने वाले आचार्य विश्वनाथ के पूरे परिवार का नाम हिंदू

‘ब्राजील देशे भवताम् स्वागतम्, वंदनम्, अभिनंदनम् च करोति, आचार्य विश्वनाथ: विश्वनाथाचार्य:’ कह कर ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री का स्वागत करने वाले आचार्य विश्वनाथ यानी प्रो. जानस मजेठी ने अपने पूरे परिवार का हिंदू कर दिया है। उनकी पत्नी अब मीनाक्षी हो चुुकी हैं तो बेटी सारा का नाम सरस्वती व पुत्र का नाम मन्यु है। यही नहीं गुरुकुलम् के छात्र-छात्राओं के भी नामों का हिंदूकरण कर दिया गया है।

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