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वाराणसी में धनतेरस पर जमकर झूमा बाजार, 1500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार से व्‍यापारी उत्‍साहित

कोरोना महामारी से दबी अर्थव्यवस्था में धनतेरस ने पंख लगा दिए। सभी सेक्टरों में उम्मीद से अधिक की खरीद-बिक्री की गई। इसमें सबसे अधिक सराफा वाहन रियल एस्टेट व बर्तन के कारोबार में उछाल रहा। शहर के बड़े कारोबारियों के मुताबिक 1500 करोड़ से ऊपर का कारोबार हुआ है।

By Arun Kumar MishraEdited By: Anurag SinghUpdated: Sun, 23 Oct 2022 12:35 AM (IST)
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लंका क्षेत्र में दीपावली पर बर्तन की खरीदारी करते लोग व उमड़ी भीड़।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से दबी अर्थव्यवस्था में धनतेरस ने पंख लगा दिए। सभी सेक्टरों में उम्मीद से अधिक की खरीद-बिक्री की गई। इसमें सबसे अधिक सराफा, वाहन, रियल एस्टेट व बर्तन के कारोबार में जमकर उछाल रहा। शहर के बड़े कारोबारियों के मुताबिक शनिवार को ही 1500 करोड़ से ऊपर का कारोबार हुआ है। अभी रविवार बाकी है। अवकाश और शुभ दिन होने की वजह से खरीदारी में जबरदस्त उछाल आने के उम्मीद है। हालांकि की बैंक बंद रहने से काराेबार में कुछ नकारात्मक असर पड़ने के भी संकेत हैं।

50 लाख कीमत की फार्च्युनर की खूब खरीदारी 

वाहन कारोबार की सबसे महंगी कीमत की फार्च्युनर कार धनतेरस के मौके पर लोगों ने खूब पसंद किए। टोएटा के राजेंद्र गोयनका बताते हैं कि एक फार्च्युनर 50 लाख रुपये कीमत की है। इस मौके पर 22 फार्च्युनर बिकी हैं। वहीं क्रिस्टा जो 30 लाख कीमत की है ये भी 30 बिकी हैं। हाइराइडर भी 35 बिकी हैं। बताते हैं कि बाजार में कार की कमी है। खरीद बढ़ने की मुख्य वजह वे बताते हैं कि काेरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों ने कार की खरीद नहीं की थी।

4.50 लाख की बाइक पर युवा हुए आकर्षित 

धनतेरस के मौके पर महंगी कीमत की बुलेट की युवाओं ने सबसे अधिक पसंद किया। बुलेट कारोबारी राजीव खुराना बताते हैं कि बाइक इंटरसेप्टर की कीमत 4.50 लाख रुपये है। तीनों एजेंसियों से लगभग पांच इंटरसेप्टर की बिक्री हुई है। वहीं 2.50 लाख की बुलेट की बिक्री 400 के करीब हुई है। वाहनों की कुल बिक्री में दोपहिया वाहन 4500 के करीब बिके हैं जबकि चार पहिया वाहन लगभग 1800 बिके हैं। इसकी प्रकार तीन पहिया वाहनों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल है। बनारस टीवीएस के राहुल कुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार को बाइक की बिक्री और ज्यादा होगी। शुक्रवार को दिन वाहन कारोबार के लिए मिनी दिवाली जैसी रही। लोगों ने सबसे अधिक जुपिटर को पसंद किया। इलेक्ट्रिक राइडर की मांग अधिक है जबकि आपूर्ति कम पड़ रही है।

पीतल व तांबा बर्तनों से खनखनाया बाजार 

हर वर्ग की पहुंच रखने वाला बर्तन बाजार शनिवार को जबरदस्त पर रहा। कारोबारियों के मुताबिक धनतेरस पर बर्तन कारोबार 50 करोड़ रुपये का हुआ है। लोगों ने सबसे अधिक तांबा व पीतल के बर्तन पसंद किया। इसके साथ एंटिक गगरा (स्टील पर नक्काशी) भी पसंद किए गए। रथयात्रा के बर्तन कारोबारी राकेश जैन बताते हैं कि बनारस में चेन्नई, मुंबई, हापुड़, मुरादाबाद, जगादरी (दिल्ली) से सबसे अधिक बर्तन आते हैं। अब उभरता हुआ बाजार अहमदाबाद बन गया है।

धनतेरस पर 1000 फ्लैटों की बुकिंग व बिक्री 

जिले के रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए धनतेरस का दिन काफी मंगलकारी रहा। कारोबारियों के मुताबिक शहर में एक हजार से अधिक फ्लैट की बुकिंग व बिक्री हुई। सैकड़ों फ्लैटों की चाबियां लोगों को प्रदान की गईं। क्रेडाई पूर्वांचल के चेयरमैन अनुज डीडवानिया बताते हैं कि धनतेरस पर करीब 72 फ्लैटों की चाबी ग्राहकों को दी गई एवं गृह प्रवेश किया। कुल 350 फ्लैटों की बुकिंग और बिक्री हुई। इसकी कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये है।

देसी गेंदा व थाइलैंड की एंथाेनियम ने बढ़ाई खुशबू 

धनतेरस व दिवाली के मौके पर फूल कारोबार भी खूब फला फूला। इस दौरान बड़ी संख्या में फूल किसानों ने सैकड़ों क्विंटल फूल व हजारों फूल मालाओं की बिक्री की। इस दौरान बिहार समेत अन्य प्रांतों के विक्रेता भी लाल व सफेल कमल का फूल बेचने पहुंचे। बिहार के आरा जिला के धोबी घटनवा निवासी राजन कुमार ने बताया कि कमल का फूल खरीद कर लाए हैं जिसकी बिक्री की गई। मलदहिया के फूल मंडी के विशाल दुबे बताते हैं कि यहां देश-विदेश के फूलों की बिक्री की जाती है। लगभग 15 करोड़ रुपये के फूल बिकेंगे। कमल, मुरली की माला व गुलाब समेत थाइलैंड के एंथोनियम व जरमेगा की मांग ज्यादा है। गेंदा का फूल और माला भी खूब बिके हैं।

चार दिनों में खिल गया सराफा कारोबार 

कोरोना महामारी का दंश झेल रहा सराफा कारोबार बीते चार दिन में उछल गया। वाराणसी सराफा एसोसिएशन के जिला महामंत्री किशोर सेठ बताते हैं कि चांदी का पुराना सिक्का राजा व रानी की खूब मांग रही। राजा के सिक्के 900 रुपये व रानी 1000 रुपये में बिके। चांदी के सिक्के 11.664 मिली ग्राम के हैं। ये 1939 के पहले के हैं। जिले में सराफा कारोबार लगभग 300 करोड़ का रहा। सलाहकार ध्रुव सोनी बताते हैं कि दो दिन बंटने से खरीदारी का आंकड़ा बढ़ेगा। इससे सराफा कारोबार के साथ अन्य सेक्टरों को लाभ मिलेगा।

ग्रीन पटाका की दिवाली, पर्यावरण की रखवाली 

पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने का असर है कि ग्रीन पटाका, माचिस बम, पानी के दीये, पटकऊवा व चिटपुटिया जैसे पटाखे की खरीदारी अधिक हो रही है। ये सभी पटाखे वाराणसी से दिल्ली से मंगाए जाते हैं। शास्त्रीनगर सिगरा में कारोबारी अशोक गोगिया बताते हैं कि ग्रीन पटाखा 1000 रुपये में बिक रही है। इसमें 200 रुपये के बैटरी व आतिशबाजी लगाने होते हैं। पानी के दीये 50 रुपये, माचिस बम, 50 रुपये, पटकऊवा 20 रुपये, चिटपुटिया 20 रुपये प्रति पैकेट में खूब बिक रहे हैैं। उन्हाेेंने बताया कि इसकी खासियत यह है कि ये पटाखे पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरनाक नहीं है।

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