वाराणसी में ललिता घाट पर नमामि गंगे और नगर निगम ने किया पशुओं के शव का निस्तारण
वाराणसी के ललिता घाट पर नमामि गंगे और नगर निगम की टीम ने गंगा किनारे सफाई अभियान चलाया। इस दौरान जानवरों के शवों को नष्ट किया गया और लोगों से गंगा को ...और पढ़ें

गंगा तट पर स्वच्छता के संदर्भ में जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नमामि गंगे और नगर निगम की टीम ने ललिता घाट (गंगा द्वार) पर गंगा किनारे विभिन्न प्रकार की गंदगियों का निस्तारण किया। घाट किनारे जानवरों के शव पड़े होने की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मृत पशुओं के शवों को नष्ट किया गया। इसके साथ ही, जनता से अपील की गई कि वे अपने पालतू पशुओं के मरने पर उन्हें गंगा किनारे न विसर्जित करें।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के कारण कई प्रकार की गंदगियां, जिनमें पशुओं के शव भी शामिल हैं, मिट्टी में दब गई थीं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ललिता घाट पर निस्तारण कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि गंगा तट पर स्वच्छता के संदर्भ में जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है। हमें अपने पालतू पशुओं के शवों को गंगा में नहीं बहाना चाहिए, ताकि हम प्रकृति और पर्यावरण के सहयोगी बन सकें।
स्वच्छता अभियान के दौरान राजेश शुक्ला के साथ नगर निगम के सुपरवाइजर कामेश्वर सेठ, दिनेश चौधरी, सुनील मोहन, सेवी, महेंद्र साहनी, रिंकू आदि उपस्थित रहे। इस अभियान का उद्देश्य गंगा तट की स्वच्छता को बनाए रखना और स्थानीय लोगों को जागरूक करना है।
गंगा नदी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसकी स्वच्छता का महत्व सभी के लिए अत्यधिक है। नमामि गंगे परियोजना के तहत, गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। यह अभियान न केवल गंगा के जल को स्वच्छ बनाने का प्रयास है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी इसके प्रति जागरूक करने का एक माध्यम है।
इस प्रकार के स्वच्छता अभियानों से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि यह समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। सभी नागरिकों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है, ताकि हम एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण का निर्माण कर सकें।

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