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    CM Dhami ने मनाया इगास, कहा- 'पहाड़ के लोकपर्व हमारा गर्व, हमारी आत्मा'

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 02:06 PM (IST)

    मुख्यमंत्री आवास में इगास पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए। राज्यपाल गुरमीत सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लोक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है और उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है।

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    मुख्यमंत्री आवास में पूरे हर्षाेल्लास, पारंपरिक आस्था व सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप में मना इगास पर्व। सूवि

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। मुख्यमंत्री आवास में इगास पर्व हर्षोल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप में मनाया गया। लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दलों ने हारुल, झुमैलो, चांचरी, थड़िया, जागर समेत अन्य पारंपरिक लोकगीत-नृत्य की प्रस्तुतियां दी तो पूरा परिसर लोक रंगों से सराबोर हो उठा। इस अवसर पर परंपरागत रूप से भैलो भी खेला गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की उपस्थिति में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अतिथियों और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि इगास पर्व हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है।

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    मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति और परंपराएं हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि इगास पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, प्रकृति के प्रति आभार और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है। उन्होंने लोकगीत, ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक मंडाण का उल्लेख करते हुए कहा कि जब घर-आंगन में लोक संस्कृति प्रफुल्लित होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं देवभूमि मुस्कुरा रही हो। उन्होंने कहा कि इगास पर सभी संकल्प लें कि न केवल अपने घरों में दीप जलाएं, बल्कि अपने मन में भी अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्ज्वलित रखें।

    उन्होंने आह्वान किया कि हम सब मिलकर न सिर्फ अपनी संस्कृति को समृद्ध करें, बल्कि विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में योगदान दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संकल्प वाक्य को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, यह केवल घोषणा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है। प्रधानमंत्री ने जो विश्वास उत्तराखंड पर जताया है, उसे साकार करना हम सभी का दायित्व है। यह दशक उत्तराखंड के विकास, रोजगार-सृजन, पर्यटन और आध्यात्मिक-पर्यटन विस्तार, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा युवा शक्ति के सशक्तीकरण का दशक होगा।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोक मान्यताओं के अनुसार परंपरागत रूप से भेलो भी खेला, जिससे वहां मौजूद बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। पूरा वातावरण पर्वतीय संस्कृति की खुशियों, लोकगीतों और लोकनृत्य से भर गया। लोकगीत व लोकनृत्य की प्रस्तुतियों के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री धामी भी स्वयं को नहीं रोक पाए और कलाकारों के बीच जाकर इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

    मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी कलाकारों को सम्मानित किया और कहा कि उत्तराखंड सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और कल्चर बेस्ड रोजगार को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सहित वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रवासी उत्तराखंडी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।