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Dehradun News: शहर के प्रतिष्ठित स्कूल में बनी मजार को लेकर हंगामा, विरोध के बाद प्रशासन ने तोड़ी

उत्‍तराखंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल परिसर में चोरी-छिपे बनी मजार ने बवाल खड़ा कर दिया है। हिंदू संगठनों ने परिसर में घुसकर हंगामा किया और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए निर्माण को ध्वस्त कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मजारों को ध्वस्त करने और माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

By Vijay joshi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 14 Nov 2024 10:50 AM (IST)
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विरोध के बाद मजार को तोड़ा गया। जागरण (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के एक प्रतिष्ठित स्कूल परिसर में कुछ व्यक्तियों ने चोरी-छिपे मजार का निर्माण कर दिया। कुछ हिंदू संगठनों को इसका पता चला तो उन्हाेंने परिसर में घुसकर जमकर हंगामा किया। इंटरनेट मीडिया पर लाइव चलाकर कुछ संगठन के सदस्यों ने कार्रवाई की मांग की। जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर प्रशासन की टीम ने निर्माण को ध्वस्त कराया दिया।

बिंदाल पुल के पास चकराता रोड से सटे एक प्रतिष्ठित स्कूल के परिसर में एक मजार के निर्माण का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर चल रहा था। जिसका प्रशासन ने संज्ञान लिया। पता चला कि हिंदू संगठन जुड़ी महिला राधा धोनी सेमवाल ने मजार का वीडियो मंगलवार को लाइव चलाया।

इसके बाद शासन और प्रशासन हरकत में आ गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मजार आदि ध्वस्त करने और माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो का संज्ञान लेते हुए पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने एसडीएम को पुलिस फोर्स के साथ मौके पर जाकर कार्रवाई के निर्देश दिए।

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एसडीएम सदर और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तो पाया कि परिसर में एक कोने पर मजार का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण स्थल स्कूल की बाउंड्रीवाल से सटा हुआ था और वहां आसपास स्कूल का कोई गेट या रास्ता भी नहीं है। एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार पहले तो जिलाधिकारी सविन बंसल ने वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन बाद में निर्माणाधीन मजार को ध्वस्त करवा दिया गया।

धार्मिक स्थल के निर्माण में प्रशासनिक अनुमति जरूरी

कहीं भी धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए प्रशासन से अनुमति आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मजार या कोई अन्य धार्मिक स्थल जिलाधिकारी की अनुमति के बाद ही बनाए जा सकते हैं। अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मजार का निर्माण करने वाले कौन हैं और निर्माण के पीछे क्या मकसद था।

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पीसीएस मुख्य परीक्षा हिंदी माध्यम के छात्रों ने मांगा अतिरिक्त समय

पीसीएस मुख्य परीक्षा में हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों ने आयोग से परीक्षा के दौरान अतिरिक्त समय देने की मांग उठाई है। पीसीएस मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र लिखा है। अभ्यर्थी मनोज कुमार, जय प्रताप, जयकृत सिंह, आदित्य, नीलम, गौरी बिष्ट आदि ने यूकेपीएससी के सचिव को लिख पत्र का हवाला देने हुआ बताया कि वे पीसीएस मुख्य परीक्षा हिंदी माध्यम के अभ्यर्थी हैं।

आयोग की ओर से जारी पाठ्यक्रम में कई विसंगतियां पाई गई, दावा किया कि हिंदी माध्यम के पाठ्यक्रम में लगभग 28 से 30 प्रतिशत विषय छोड़ दिए गए, जो कि अंग्रेजी माध्यम पाठ्यक्रम में मौजूद है। बाद में जब मांग उठी तो आयोग ने चार नवंबर 2024 को लिपिकीय त्रुटि का हवाला देते हुए पाठ्यक्रम को संशोधित कर दिया।

अब 16 नवंबर से मुख्य परीक्षा शुरू हो रही है अत: 11 दिनों में पाठ्यक्रम को पूर्ण नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए हिंदी के छात्रों को अतिरिक्त समय दिया जाए।

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