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उत्तराखंड आने वाले सैलानियों के लिए विदेश की तर्ज पर घूमने का नया ठिकाना, तारों की छांव में उठाएंगे पहाड़ी खाने का लुत्‍फ

Star Gazing in Uttarakhand उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम जुड़ने जा रहा है। अब पर्यटक यहां तारों को निहार सकेंगे। मसूरी और ऊखीमठ में कांच की छत वाली हट बनाई जाएंगी। पर्यटक न केवल नक्षत्र मंडल को देखेंगे बल्कि स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चखेंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज राज्य में पर्यटन के इस नए आयाम को लेकर अति उत्साहित हैं।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Oct 2024 03:24 PM (IST)
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Star Gazing in Uttarakhand: विदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी तारों को निहारेंगे सैलानी. Concept Photo
केदार दत्त, जागरण  देहरादून। Star Gazing in Uttarakhand: नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड में अब पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम जुडऩे जा रहा है। यह है स्टार टूरिज्म । सरकार के प्रयास रंग लाए तो निकट भविष्य में विदेश की तर्ज पर यहां भी सैलानी तारों को निहारेंगे। इसी क्रम मे पहाड़ों की रानी मसूरी और केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ में कांच की छत वाली हट बनाई जाएंगी।

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे सुरक्षित स्थल चिह्नित किए जाएंगे, जहां सैलानी रात्रि में तारों की छांव में रहेंगे। इस दौरान वे न केवल नक्षत्र मंडल को देखेंगे, बल्कि स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चखेंगे। पर्यटन की इस नई गतिविधि से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। 

पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम

यह किसी से छिपा नहीं है कि उत्तराखंड की आर्थिकी में पर्यटन, तीर्थाटन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे देखते हुए सरकार भी पर्यटन की दृष्टि से सुविधाएं विकसित कर रही है। पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। ईको टूरिज्म, विलेज टूरिज्म, एस्ट्रो टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म जैसे आयामों के बाद अब स्टार टूरिज्म की तैयारी है।

दरअसल, प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण उत्तराखंड अपने स्वच्छ वातावरण के लिए पहचान रखता है। यहां के उच्च शिखरीय क्षेत्रों में स्थित गांवों व स्थानों से नक्षत्र मंडल का नजारा हर किसी को अपने मोहपाश में बांध लेता है। इस सबको देखते हुए ही स्टार टूरिज्म का खाका खींचा जा रहा है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज राज्य में पर्यटन के इस नए आयाम को लेकर अति उत्साहित हैं। वह बताते हैं कि विश्व के कई देशों में स्टार टूरिज्म ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। वहां लोग तारों की छांव में रहकर वायुमंडल के अद्भुत नजारों को निहारते हैं। उन्होंने अपने मध्यमेश्वर दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां से रात्रि में नक्षत्र मंडल का नजारा देखते ही बनता है। राज्य में ऐसे अनेक क्षेत्र व स्थल हैं।

महाराज के अनुसार राज्य में स्टार टूरिज्म को स्लीपिंग विद द स्टार्स नाम दिया जाएगा। अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्टार टूरिज्म की दृष्टि से मसूरी में जार्ज एवरेस्ट और रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ में कांच की छत वाली हट बनाई जाएंगी, जहां से सैलानी तारों को निहार सकेंगे। अन्य स्थल भी चिह्नित किए जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्थल चिह्नित किए जाएंगे, जो हर दृष्टि से सुरक्षित हों।

वहां भी स्टार टूरिज्म के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसका संचालन संबंधित गांवों के लोग करेंगे। वे स्टार टूरिज्म के लिए आने वाले सैलानियों को स्थानीय व्यंजन भी परोसेंगे। स्टार टूरिज्म की यह गतिविधियां विशेष रूप से गर्मियों में आयोजित की जाएंगी।

यहां भी पहुंचते हैं सैलानी

नक्षत्र मंडल को निहारने के दृष्टिगत चमोली जिले में स्थित एस्ट्रो विलेज बेनीताल, रुद्रप्रयाग जिले में मध्यमेश्वर, नैनीताल के एस्ट्रो विलेज ताकुला के अलावा रानीखेत के चौबटिया, मुक्तेश्वर के खुशीराम टाप, अल्मोड़ा के बिनसर, पिथौरागढ़ के चौकोरी समेत अन्य स्थानों पर सैलानी पहुंचते हैं। राज्य के अन्य ऊंचाई वाले स्थलों में भी स्टार टूरिज्म की व्यापक संभावनाएं हैं।

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