Uttarakhand के 974 स्कूलों में बेटियां खुले में जाती हैं शौंच, कई शौचालय जर्जर तो कहीं शिक्षक नहीं खोलते ताला
Sanitation in Uttarakhand Schools उत्तराखंड के 974 स्कूलों में छात्राओं और 798 स्कूलों में छात्रों को शौचालय की सुविधा नहीं है। कई स्कूलों में शौचालय जर्जर हैं तो कहीं पानी की सुविधा नहीं है। कुछ शिक्षक शौचालयों पर ताला लगाकर रखते हैं। इस वजह से छात्र-छात्राओं को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। समग्र शिक्षा के तहत राज्य को केंद्र से 1205 करोड़ स्वीकृत हुए हैं।
केंद्र सरकार से 1,205 करोड़ रुपये स्वीकृत
शत प्रतिशत लक्ष्य अभी दूर
इधर, देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत ने बताया कि 93 शेष विद्यालयों में पिछले छह महीने के भीतर शौचालय बना दिए गए। सभी शिक्षकों का निर्देशित किया गया है कि कोई भी शौचालय बंद नहीं रखा जाएगा। सभी में पानी की सुविधा होनी चाहिए। कोई भी छात्र-छात्रा इस सुविधा से वंचित नहीं रहेगा।
सितंबर में एक आदेश जारी किया गया था कि जिस भी विद्यालय में छात्र-छात्रा के लिए शौचालय सुविधा नहीं है, वहां अस्थायी प्लास्टिक माडल शौचालय तैयार करवाए जाएं और स्थायी शौचालय निर्माण का प्रस्ताव विभाग को भेजा जाए। यू-डायस की रिपोर्ट के बाद कई विद्यालयों में नए शौचालय बनाए गए हैं। मंगलवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से प्रदेशभर के प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय की स्थिति की रिपोर्ट मांगी जाएगी। - झरना कमठान, शिक्षा महानिदेशक
वे विद्यालय जहां शौचालय नहीं
-
जिला, छात्रों के, छात्राओं के -
अल्मोड़ा, 101,141 -
बागेश्वर, 53, 44 -
चमोली, 31, 75 -
चंपावत, 22,35 -
हरिद्वार, 180 12 -
नैनीताल, 92, 66 -
पौड़ी, 102, 135 -
पिथौरागढ़, 63,72 -
रुद्रप्रयाग, 522, 51, 71 -
टिहरी, 1252, 138, 242 -
यूएसनगर, 771, 51,51 -
उत्तरकाशी, 676, 66, 124