उत्तराखंड में न्याय पंचायत स्तर पर लगेंगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी; योजना का खाका तैयार
उत्तराखंड में मौसम की सटीक जानकारी के लिए न्याय पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे। ये स्टेशन केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पोर्टल से लिंक होंगे। अभी तक राज्य की 670 न्याय पंचायतों में से 118 में ही ये स्टेशन हैं। शेष में अब इस योजना के तहत लगाए जाएंगे। सरकार की वेदर इन्फार्मेशन डाटा सिस्टम (विंड्स) योजना का खाका लगभग तैयार हो गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। ग्रामीण स्तर पर मौसम से संबंधित आंकड़ों की सटीक जानकारी के उद्देश्य से केंद्र सरकार की वेदर इन्फार्मेशन डाटा सिस्टम (विंड्स) योजना को लेकर उत्तराखंड में भी कसरत तेज की गई है। इसके तहत न्याय पंचायत स्तर पर आटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पोर्टल से लिंक होंगे।
अभी तक राज्य की 670 न्याय पंचायतों में से 118 में ही ये स्टेशन हैं। शेष में अब इस योजना के तहत लगाए जाएंगे। इसका खाका खींच लिया गया है और सचिव स्तर पर होने वाली बैठक में योजना को धरातल पर उतारने के दृष्टिगत एजेंसी का चयन किया जाएगा।
विषम भूगोल वाले उत्तराखंड के लिए विंड्स योजना को बेहद लाभकारी माना जा रहा है। कारण यह कि यहां खेती-किसानी पूरी तरह से मौसम पर निर्भर है। राज्य के 95 विकासखंडों में से 71 में खेती इंद्रदेव की कृपा पर निर्भर करती है।यही नहीं, वर्षाकाल में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, अंधड़ जैसी आपदाओं से फसलों को क्षति पहुंचती है। ऐसे में आवश्यक है कि किसानों को समय पर मौसम के पूर्वानुमान मिले। इसके लिए विंड्स के तहत स्थापित होने वाले आटोमेटिक वेदर स्टेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
यद्यपि, वर्तमान में राज्य की 118 न्याय पंचायतों में आटोमेटिक वेदर स्टेशन हैं, लेकिन 552 में यह सुविधा नहीं है। अब विंड्स योजना के तहत इन्हें भी आटोमेटिक वेदर स्टेशन से आच्छादित किया जाना है। इस स्टेशन से वर्षा, हवा की गति समेत मौसम से जुड़े अन्य आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे। योजना को धरातल पर उतारने के लिए उद्यान विभाग को नोडल बनाया गया है।बागवानी निदेशक महेंद्र पाल के अनुसार विंड्स योजना की कार्ययोजना का खाका खींच लिया गया है। अब जल्द ही सचिव स्तर पर होने वाली बैठक में योजना के क्रियान्वयन को एजेंसी चयनित की जाएगी। फिर इस संबंध में केंद्र सरकार को सूचित करने के साथ ही संबंधित जिलों में आटोमेटिक वेदर स्टेशन के लिए भूमि चयनित की जाएगी।
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