उत्तराखंड में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। बारिश और बाढ़ से अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 लोग लापता हैं। 122 घर पूरी तरह से मलबे और बाढ़ में बह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान रुद्रप्रयाग जिले में हुआ है जहां 28 लोगों की मौत हुई है। हालांकि सरकार ने राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किया था।
दीप बेलवाल,
हल्द्वानी। उत्तराखंड में इस बार का मानसून 122 लोगों को बेघर कर गया। बारिश और बाढ़ से घर पूरी तरह तहस-नहस हो गए। किसी मां का जवान बेटा मर गया तो किसी मासूम के सिर से माता-पिता दोनों का साया छिन गया। अल्मोड़ा जिले में शादी के सात दिन बाद युवती विधवा हो गई।
प्राकृतिक आपदा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस मानसून सीजन आपदा से 82 लोगों की मौत हुई है। रुद्रप्रयाग में सबसे अधिक 28 व उत्तरकाशी में दो लोगों की जान गई। 28 लोग अब भी लापता हैं।
20 से 25 जून के मध्य उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दी थी।
बारिश व बाढ़ ने मचाई तबाही
पिथौरागढ़ से लेकर ऊधम सिंह नगर व देहरादून से लेकर रुद्रप्रयाग तक बारिश व बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई। राज्य आपातकालीन परिचालक केंद्र ने इस मानसून सीजन की प्राकृतिक आपदा रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया है कि बागेश्वर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में जनहानि हुई।
अल्मोड़ा जिले में आपदा से तीन लोगों की मौत हुई। इसी तरह चमोली व चंपावत जिले में आठ, देहरादून में सात, हरिद्वार में तीन, नैनीताल में आठ, पौड़ी गढ़वाल में तीन, पिथौरागढ़ में चार, रुद्रप्रयाग 20, टिहरी में छह, ऊधम सिंह नगर में 10 व उत्तरकाशी में दो लोगों की मौत हुई हैं। 28 लोग लापता हैं। जिसमें चमोली में एक, देहरादून में दो, रुद्रप्रयाग में 20, ऊधम सिंह नगर में पांच लोग शामिल हैं।
37 लोग आपदा में घायल
प्राकृतिक आपदा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में आपदा से 37 लोग घायल हुए हैं। नैनीताल, टिहरी व बागेश्वर में कोई घायल नहीं हुआ। अल्मोड़ा में एक,चमोली में पांच, चंपावत में छह, देहरादून में एक, हरिद्वार में छह, पौड़ी में चार, पिथौरागढ़ में दो, रुद्रप्रयाग में आठ, ऊधम सिंह नगर व उत्तरकाशी में दो-दो लोग घायल हुए हैं।
2953 जानवर भी मौत के मुंह में समाए
रिपोर्ट के अनुसार, आपदा से प्रदेश में 2953 जानवर भी मौत के मुंह में समा गए। अल्मोड़ा में आपदा से छोटे-बड़े 407 जानवरों की मौत हुई। बागेश्वर में 256, चमोली में 16, चंपावत में 1069, देहरादून में 161, हरिद्वार में चार, नैनीताल में 70, पौड़ी में 75, पिथौरागढ़ में 404, रुद्रप्रयाग में 147, टिहरी में 42, ऊधम सिंह नगर में 29 व उत्तरकाशी में 273 मवेशियों की मौत हो गई।
2953 घर हुए क्षतिग्रस्त
आपदा से 2953 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिसमें अल्मोड़ा में 407, बागेश्वर में 256, चमोली में 16, चंपावत में 1069, देहरादून 161, हरिद्वार में चार, नैनीताल में 70, पौड़ी में 75, पिथौरागढ़ में 404, रुद्रप्रयाग में 147, टिहरी में 42, ऊधम सिंह नगर में 29 तथा उत्तरकाशी में 273 घरों को नुकसान हुआ।
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