सावधान! एक फोन कॉल आपको कर देगी कंगाल, 30 से ज्यादा लोगों को लगा चूना; सतर्क रहें और ये गलतियां कतई न करें
Cyber Crime सावधान! मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ठग लोगों को बना रहे हैं अपना शिकार। पिछले दो महीनों में कुमाऊं में ऐसे 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ठग फोन पर लोगों को फंसाकर उनसे पैसे ऐंठ रहे हैं। अगर आपके पास भी इस तरह के फोन आए हैं तो सावधान हो जाएं और समझ जाएं कि आपके साथ ठगी का प्रयास किया जा रहा है।
दीप बेलवाल, जागरण हल्द्वानी । Cyber Crime: 'हेलो! मैं मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बोल रहा हूं। आपका बेटा सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है। इज्जत बचानी है तो तुरंत 30 हजार रुपये खाते में भेज दो। यकीन नहीं हो रहा, तो ये लो अपने बेटे से बात करो...।'
साइबर ठगी का यह तरीका पिछले कुछ वर्षों में तेजी से पनपा है। कई लोग ठगों के ऐसे झांसे में आकर अपनी पूंजी गंवा भी चुके हैं। कुमाऊं में ही पिछले दो महीने में 30 से अधिक लोग इसी तरह ठगों के शिकार बने हैं। ऐसे में अगर आपके पास भी इस तरह के फोनकाल आते हैं, तो सावधान हो जाएं और समझ जाएं कि आपके साथ ठगी का प्रयास किया जा रहा है।
आगरा में हुई महिला की मौत
एक सप्ताह पहले यानी 30 सितंबर को आगरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 58 वर्षीय शिक्षिका मालती देवी को फोन कर ठगों ने उनकी बेटी के सेक्स रैकेट में फंसने की झूठी जानकारी दी और एक लाख रुपये की डिमांड की।
ठगों ने इस दौरान मालती देवी की यह कहकर एक युवती से बात भी कराई कि वह उनकी बेटी है। युवती ने भी बेटी बनकर कहा- 'मां, ये जैसा बोल रहे वो कर दो।' इतना सुनते ही मालती देवी की तबीयत बिगड़ गई थी और उनकी मौत हो गई। यह घटना तो एक उदाहरण भर है।
इसी तरह के मामले मंडल, राज्य ही नहीं, पूरे देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक से ठग वायस क्लोनिंग कर आपके परिचित की तरह आवाज निकाल रहे हैं। इसलिए इस तरह के फोनकाल से सतर्क होने की जरूरत है। यदि कोई फोन आए तो उनकी बातों पर यकीन न करें और पहले अपने उस परिचित को जरूर फोन करें, जिसके नाम पर आपसे ठगी का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही नजदीकी थाना-चौकी में शिकायत भी दर्ज कराएं।
तुम्हारे नाम से जो कोरियर मिला है, उसमें स्मैक है
मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनने वाले ठग सैक्स रैकेट में फंसने के अलावा भी कई तरह की बात कह रहे हैं। हल्द्वानी में दो युवकों के पास ऐसे फोन आए हैं, जिन्हें कहा गया कि उनके नाम से एक कोरियर पकड़ा गया है, जिसके अंदर स्मैक है। यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए तो मुंबई में केस दर्ज कर दिया जाएगा। ठगों के झांसे में आकर एक व्यक्ति पांच लाख से अधिक की रकम लुटा चुका है।
डिजिटल अरेस्ट नहीं, घर से पकड़ती है पुलिस
डिजिटल अरेस्ट के मामले भी बढ़ रहे हैं। साइबर सीओ सुमित पांडे का कहना है कि भारत के किसी भी राज्य की पुलिस डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। यदि आपने कोई अपराध किया है तो पुलिस घर पर आकर पकड़ती है। लोगों को यह भी समझना होगा कि उन्हें फंसाने की धमकी देकर पुलिस कभी रुपये नहीं मांगती है। इस बात का भी ध्यान दें कि ठगी का पैटर्न बदल रहा है। हो सकता है अगली बार ठग कोई और तरह की बात कहकर फंसा सकते हैं।
सतर्क रहें और ये गलती कतई न करें
- अपरिचित नंबर से आने वाले फोन को रिसीव न करें। वाट्सएप पर अपरिचित काल साइलेंट करने का फीचर आता है, इसे सेटिंग में जाकर एक्टिव कर लें।
- डिजिटल अरेस्ट, सेक्स रैकेट, शेयर ट्रेडिंग, बच्चे के अपहरण से संबंधित फोनकाल पर कतई यकीन न करें।
- किसी भी थाना-चौकी की पुलिस वाट्सएप काल करके रुपये नहीं मांगती। ऐसे काल आने पर तुरंत नजदीकी थाने पर जाएं।
- साइबर ठगी होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर काल करें।
केस-1: हल्द्वानी के मुखानी निवासी एक पूर्व सरकारी कर्मचारी ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि अगस्त में उनके पास मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर फोन आया था। उनके साथ दो लाख से अधिक की ठगी हुई है।
केस-2 : काशीपुर में कुछ दिनों पहले ही पिता-पुत्र साथ में बैठे थे। इसी दौरान पिता के मोबाइल पर फोन आया कि उनका बेटा सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है। यह सुनकर वह हैरान हो गए और पुलिस को सूचना दी।
केस-3: अल्मोड़ा के एक सेवानिवृत्त फौजी मुंबई क्राइम ब्रांच के फर्जी अधिकारी के झांसे में आ गए। एक महीने पहले उन्होंने ठगी की शिकायत साइबर थाने में कराई थी।
केस-4: नैनीताल के एक कारोबारी ने नैनीताल के बड़े पुलिस अधिकारी को शिकायत की है। उनका कहना था कि उनके पास तीन महीने पहले फोन आया था, जिसने उनके भांजे के गिरफ्तार होने की बात कही। उसे छोड़ने के नाम पर दो लाख ठग लिए।
साइबर अपराध से बचना बड़ी चुनौती है। किसी भी तरह का फोन आने पर उसकी सही से पुष्टि अवश्य कर लें, जिसके नाम से फोन आ रहा है, एक बार उसे जरूर फोन करें। अधिकांश नए नंबर से आने वाले फोन फर्जी होते हैं। ठगी होने पर नजदीकी साइबर सेल या थाने में शिकायत करें। - डा. योगेंद्र रावत, डीआइजी