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Baba Neem Karori के कैंची धाम से लौटे भक्‍तों संग गाड़ी में सवार हुआ अजगर, पहाड़ से पहुंचा शहर

Haldwani News हल्द्वानी में केमू वाहनमें अजगर मिलने से यात्रियों में हड़कंप मच गया। अजगर चालक की पिछली सीट के नीचे बैठा था। वन विभाग ने रेस्क्यू कर अजगर को जंगल में छोड़ दिया है। वहीं इन दिनों कैंची धाम में में बंदरों का आतंक है। बंदर श्रद्धालुओं से प्रसाद छीन रहे हैं और काटने को दौड़ रहे हैं।

By govind singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Oct 2024 03:47 PM (IST)
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Haldwani News: अजगर को सुरक्षित पकड़ गौलापार के जंगल में छोड़ा
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Haldwani News: कैंची धाम से हल्द्वानी के लिए निकली सवारियों से भरी केमू बस में अजगर भी साथ आ गया। यहां केमू स्टेशन पहुंचने के बाद पता चला कि चालक की पिछली सीट के नीचे अजगर बैठा हुआ था। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया।

इस पर चालक धीरेंद्र ने सूझबूझ का परिचय देते हुए एक-एक कर सवारियों को नीचे उतारा। फिर वन विभाग को फोन कर मामले की जानकारी दी। रेस्क्यू इंचार्ज राकेश सती ने बताया कि तुरंत वनकर्मी रोहित स्टेशन पहुंच गया। जिसके बाद अजगर को सुरक्षित पकड़ गौलापार के जंगल में छोड़ा गया। उसकी लंबाई करीब तीन फीट थी। इसलिए वह हमला कर किसी को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नहीं था। हालांकि, लोगों में डर का माहौल जरूर पैदा हो गया।

कैंची क्षेत्र में कटखने बंदरों की घेराबंदी से श्रद्धालु परेशान

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में बंदर श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। मंदिर में आवाजाही करने वाले श्रद्धालुओं से बंदर प्रसाद छीन ले जा रहे हैं। भगाने पर श्रद्धालुओं को काटने दौड़ जा रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को लेकर मंदिर पहुंच रहे बाबा भक्त बंदरों के बढ़ते आंतक से दहशत में हैं।

तमाम गांवों में कटखने बंदर दहशत फैला रहे हैं। डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के अनुसार जल्द टीम भेजकर बंदर पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा। हाइवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम में रोजाना हजारों श्रद्धालु बाबा के दर पर मत्था टेकने पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंदिर प्रबंधन व प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं बनाई है पर पिछले कुछ समय से मंदिर के आसपास लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या बढ़ी परेशानी बन गई है।

बंदरों का झुंड मंदिर के मुख्य गेट व शिप्रा नदी पर बनी पुल पर डेरा डाल दे रहा है। मंदिर आवाजाही करने वालों से बंदर छिनाछपटी पर आमादा हो जा रहे हैं प्रसाद छिन ले रहे हैं। श्रद्धालु बंदरों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं तो बंदर उन्हें काटने दौड़ रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को बंदरों से बचाना मुश्किल होता जा रहा है। बंदरों के आंतक के बीच बामुश्किल श्रद्धालु आवाजाही कर रहे हैं।

बंदरों के उत्पात का सिलसिला सुबह से शाम तक लगातार जारी है। श्रद्धालुओं के पीछे दौड़ रहे बंदरों से कभी भी बड़ी घटना सामने आने का अंदेशा भी बना हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान दिनेश तिवारी के अनुसार बंदरों की संख्या में इजाफा हो चुका है। श्रद्धालु व स्थानीय लोग भी परेशान हैं। व्यापारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने मंदिर परिसर के आसपास लगातार बढ़ रहे बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग उठाई है।

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