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उत्‍तराखंड: दिल्ली-मुंबई समेत कई राज्यों के 134 'बड़े' लोग जमीन की लूट में शामिल, दो जिलों में सबसे ज्‍यादा मामले

Uttarakhand Land Law Violation उत्तराखंड में भू-कानून लागू होने से पहले ही सख्ती शुरू हो गई है। देवभूमि में भूमि खरीदने वालों के काले कारनामे लगातार खुल रहे हैं। कुमाऊं में ही अब तक की जांच में 134 मामले सामने आ चुके हैं जिन्होंने जमीन तो खेती-बाड़ी के लिए खरीदी मगर मनमानी की फसल उगाने लगे। यानी कि किसी ने होटल रिसार्ट बनाए तो कोई और ही उपयोग करने लगा।

By ganesh joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 17 Nov 2024 07:11 PM (IST)
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Uttarakhand Land Law Violation: जमीन की लूट में शामिल लोगों में खलबली। जागरण
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Uttarakhand Land Law Violation: उत्तराखंड में भू-कानून लागू होने से पहले ही सख्ती शुरू हो गई है। देवभूमि में भूमि खरीदने वालों के काले कारनामे लगातार खुल रहे हैं। कुमाऊं में ही अब तक की जांच में 134 मामले सामने आ चुके हैं, जिन्होंने जमीन तो खेती-बाड़ी के लिए खरीदी, मगर उसमें मनमानी की फसल उगाने लग गए। यानी कि किसी ने होटल, रिसार्ट बनाए तो कोई और ही उपयोग करने लगा।

अब प्रशासन मुंबई, दिल्ली समेत कई राज्यों के प्रभावशाली लोगों की ओर से इस जमीन में बोई मनमानी की फसल को रौंदने में जुट गया है। जमीन की लूट में शामिल लोगों में अब खलबली मची हुई है। धामी सरकार कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दे चुकी है।

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कुमाऊं में सबसे अधिक 64 मामले नैनीताल जिले में हैं और इसके बाद अल्मोड़ा में 23 लोगों का जमीन का उपयोग बदलने का मामला सामने आया है। राहत है कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ अभी भू माफिया की नजरों से बचा हुआ है।

नैनीताल में जमीन की लूट का बड़ा खेल

राज्य बनने के बाद ही नैनीताल जिले में जमीन की लूट का बड़ा खेल शुरू हो गया था। वर्ष 2003 के बाद से विशेष अनुमतियों से 254 बाहरी लोगों ने व्यावसायिक और कृषि प्रयोजन से जमीन खरीदी। इसमें से 64 मामलों में जांच के बाद उल्लंघन की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक खेल 2017 के बाद शुरू हुआ।

व्यावसायिक और कृषि प्रयोजन के लिए बाहरी लोगों ने भूमि खरीदी। जिले में विशेष अनुमति प्राप्त कर सर्वाधिक जमीन की खरीद फरोख्त और उल्लंघन नैनीताल तहसील में सबसे अधिक हैं।

इस लूट में नौकरशाह से लेकर भू-माफिया भी शामिल रहे। जमीन खरीदने वाले बेहद प्रभावशाली लोग हैं। रामनगर में भी उल्लंघन के मामले सामने आए हैं, जहां पर रिसार्ट बनाने को लेकर भूमि खरीद की होड़ सी मची है।

अल्मोड़ा में 23 मामलों में फिल्म अभिनेता भी शामिल

अल्मोड़ा में भू-कानूनों के उल्लंघन से संबंधित 23 मामले सामने आए है। इनमें से 10 मामले न्यायालय में चल रहे है। आठ मामलों प्रशासनिक जांच चल रही है। फिलहाल प्रशासन ने सभी लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। पांच मामलों में उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई होनी है।

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मुंबई के पूंजीपति भरत विसंजी की 108 नाली भूमि सरकार में निहित कर ली गई है। 261 नाली भूमि पर कार्रवाई चल रही है। लमगड़ा के कपकोट गांव में सिने स्टार मनोज वाजपेयी की 15 नाली भूमि भी भू-कानून उल्लंघन के दायरे में आई है। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में चल रहा है। यहां तक कि गरीबों से उनकी बेशकीमती जमीन को सस्ते में लेकर भी देवभूमि में जमीन की लूट का खेल का भी चल रहा है।

बागेश्वर में भी बदल दिया भूमि का उपयोग

बाहर से आए लोगों ने बागेश्वर जिले में भी भूमि खरीद और उसका उपयोग बदल दिया। इसको लेकर चार लोगों के नाम से दर्ज भूमि की जांच चल रही है। कौसानी में अवनीश कुमार झा ने 0.134 हेक्टेयर, अनीता कपूर ने 0.614 हेक्टेयर, कपकोट में मैमर्स ऊनी वस्त्र ने 0.014 हेक्टेयर, उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी ने 0.090 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी।

त्रिलोक खादी उद्योग सेवा समिति ने भी भूमि खरीदी, जिसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। कौसानी में अनीता ने 2005 में भूमि कृषि आधारित व्यवसाय एवं उद्योगों के प्रयोजन के लिए खरीदी। इसमें पर्यटन होटल, पालीहाउस तथा फुलवारी बना दी। दिल्ली के अवनीश कुमार झा ने 2022 में पर्यटन उद्योग के लिए खरीदी भूमि में निर्माण कार्य चल रहा है। अब इन पर अंकुश की तैयारी है।

पिथौरागढ़ तक नहीं पहुंच सके जमीन के लुटेरे

पिथौरागढ़ जिले में मानक से अधिक भूमि खरीद के केवल दो मामले हैं। गनाईं गंगोली तहसील में खुटानी हाइड्रो पावर प्लांट के लिए मानक से अधिक भूमि खरीदी गई थी। एक अन्य मामला कृषि भूमि खरीद का है। प्रशासन की जांच में दोनों स्थानों पर जिस उद्देश्य के लिए भूमि खरीदी गई थी, वहां पर उसी कार्य में उपयोग पाया गया है।

अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने बताया कि मानक से अधिक भूमि क्रय करने का कोई मामला नही है। यह सीमांत जिला है, जिसकी सीमा चीन से मिलती है। इसलिए अधिकांश क्षेत्र में जाने के लिए ही इनर लाइन परमिट की आवश्यकता पड़ती है।

चंपावत में एक परिवार के कई लोगों ने खरीदी जमीन

चंपावत जिले में जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत निर्धारित 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीद के तीन मामले हैं। 250 वर्ग मीटर मानक के भीतर 892 गैर उत्तराखंडियों ने भूमि खरीदी है। पूर्णागिरि तहसील में 758, चंपावत में 78, पाटी में 37, लोहाघाट में 17 व बाराकोट में दो मामले हैं।

जिला प्रशासन को जांच में यह भी मिला है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर अलग-अलग भूमि खरीद ली गई है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई है। दरअसल, यहां पर पूर्णागिरी धाम है। अन्य पर्यटन स्थल भी हैं। ऐसे में भी इस शांत क्षेत्र में भी मनमाने तरीके से खरीद का खेल चलता रहा।

तराई क्षेत्र ऊधम सिंह नगर में खुला उल्लंघन

ऊधम सिंह नगर में 41 लोगों ने जमीन क्रय करने की शर्तों का उल्लंघन किया है। इनमें सबसे अधिक उल्लंघन 2005 से 2007 तक जमीन क्रय करने वालों ने की है। जिन्होंने जमीन क्रय करने की अनुमति तो ली, मगर जिस उपयोग के लिए जमीन ली थी, उन शर्तों का पालन नहीं किया है।

इन सभी के विरुद्ध एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया है और नोटिस भेजे हैं। जिन लोगों ने शर्तों का उल्लंघन किया है, इनमें काशीपुर में महाराष्ट्र की मैसर्स वीडियोकान इंडस्ट्रीज लिमिटेड भी है। इसने उद्योग के लिए जमीन क्रय की, लेकिन एक टुकड़े पर गार्ड रूम बनाकर छोड़ दिया। बाजपुर में स्टेट गांव दिल्ली के राकेश कुमार ने ग्राम खमरिया में खेती के लिए जमीन ली, जबकि मौके पर पशुपालन हो रहा है।

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