Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand: तंत्र की मेहरबानी से माफिया की पौ बारह, गंगा के ईको सेंसटिव जोन में हो रहा अवैध खनन

Uttarakhand News उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगा नदी के किनारे अवैध खनन से नदी का अस्तित्व खतरे में है। मनेरा क्षेत्र में खनन माफिया बेखौफ होकर गंगा के ईको सेंसटिव जोन में अवैध खनन कर रहे हैं। इस अवैध खनन से गंगा नदी खोखली हो रही है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। प्रशासन की मिलीभगत से खनन माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Oct 2024 01:10 PM (IST)
Hero Image
Uttarakhand News: राजस्व व बीआरओ की भूमि पर अवैध खनन का भंडारण

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। Uttarakhand News: गंगा (भागीरथी) के मायके उत्तरकाशी में अवैध खनन चरम पर है। सबसे अधिक अवैध खनन जिला मुख्यालय के आसपास हो रहा है। खनन माफिया के आगे प्रशासन पूरी तरह से नतमस्तक है। हालात ये हैं कि करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में राजस्व विभाग और बीआरओ की जमीन को खनन माफिया ने अवैध रूप से निकाली गई रेत बजरी भंडारण का क्षेत्र बनाया है।

सबसे बुरी स्थिति कलेक्ट्रेट से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थिति मनेरा क्षेत्र की है। यहां अंधाधुंध अवैध खनन से गंगा खोखली होती जा रही है। ये हाल तब है जब यह क्षेत्र इको सेंसटिव क्षेत्र में आता है और यहां खनन तो दूर एक पत्थर उठाना भी प्रतिबंधित है। ऐसे में या तो खनन माफियाओं पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है, या फिर प्रशासन ने जानबूझकर आंखें मूंदी हुई हैं।

झूला पुल से मोटर पुल के बीच अवैध भंडारण

मनेरा में झूला पुल से लेकर दिलसौड़ तिराहे के मोटर पुल के पास तक सड़क के किनारे और नदी के किनारे जगह-जगह अवैध रूप से रेत बजरी ढेर लगाए हुए हैं। जिन्हें ट्रकों के माध्यम से ठिकाने लगाया जा रहा है। इस क्षेत्र में रात भर अवैध रूप से रेत-बजरी सप्लाई हो रही है।

खनन माफिया को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है। इस बात की पुष्टि इस बात से होती है कि दो वर्ष पहले जब-जब तत्कालीन उपजिलाधिकारियों ने खनन माफिया के ट्रकों को सीज किया तो उन्हें छुड़वाने के लिए माननीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन पर दबाव बनाया।

बच्चों के लिए खतरा बने खनन माफिया

मनेरा क्षेत्र में तो खनन माफिया स्कूली नौनिहालों के लिए खतरे का कारण बने हुए हैं। मनेरा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, ऋषिराम शिक्षण संस्थान, खेल स्टेडियम भी है। ज्ञानसू से मनेरा की ओर जाने वाले रास्ते पर 40 से अधिक खच्चरों का संचालन है। इसी रास्ते बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों को आवाजाही होती है।

हर रोज सरकार को लग रहा लाखों का चूना

सुबह और दिन के दौरान नदी से सड़क तक अवैध खनन की सामग्री ढोने वाले खच्चरों की भीड़ लगी रहती है। जबकि रात और अलसुबह तक अवैध खनन सामग्री ट्रकों के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में भेजी जा रही है। इन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। जबकि परिवहन विभाग का कार्यालय अवैध खनन प्रभावित क्षेत्र से 50 मीटर की दूरी पर है। इससे सरकार को हर रोज लाखों के राजस्व का चूना भी लग रहा है।

इन स्थानों पर भी हो रहा अवैध खनन

मनेरा के अलावा जिला मुख्यालय के निकट गंगोरी, तेखला, लक्षेश्वर, तिलोथ, इंद्रावती घाट, जोशियाड़ा, पुलिस लाइन ज्ञानसू के निकट में खच्चरों के जरिये धड़ल्ले से अवैध खनन चलता रहा। खनन माफिया ने गंगा नदी के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए हैं। इसके अलावा भटवाड़ी, नेताला, हीना, मनेरी, डुंडा तथा चिन्यालीसौड़ के धरासू में भी अवैध खनन हो रहा है।

मनेरा क्षेत्र में अवैध खनन के जो ढेर लगे हुए हैं, उनकी पूर्व में नीलामी की गई थी। फिर से छापा मारकर नीलामी की जाएगी। इसके साथ् ही अवैध खनन के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

-बृजेश कुमार तिवारी, उपजिलाधिकारी भटवाड़ी उत्तरकाशी

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें