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Uttarakhand: वरुणावत की पहाड़ी से भूस्खलन जारी, स्थानांतरित होंगे 50 परिवार

Varunavat Landslide उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। प्रशासन ने मस्जिद मोहल्ला और गोफियारा के बीच रहने वाले 50 परिवारों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इनमें से 35 परिवारों को भवन खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। प्रशासन इन परिवारों को किराये पर रहने के लिए धनराशि भी देगा।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 31 Aug 2024 08:08 AM (IST)
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Varunavat Landslide: खतरे की आशंका वाले भवनों को खाली करने का नोटिस. Jagran
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Varunavat Landslide: वरुणावत पर्वत पर उभरे नए भूस्खलन क्षेत्र में भूस्खलन अभी थमा नहीं है। पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर और मलबा गिर रहा है। शुक्रवार सुबह भी यहां हल्का भूस्खलन हुआ। इससे स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है।

खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने मस्जिद मोहल्ला और गोफियारा के बीच रहने वाले 50 परिवारों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इनमें से 35 परिवारों को भवन खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए शुक्रवार को नोटिस भी जारी कर दिया गया। इन परिवारों को भूस्खलन थमने या क्षेत्र का उपचार होने तक किराये पर रहने के लिए धनराशि प्रशासन देगा।

तेज बारिश के कारण गोफियारा के निकट हो गया था भूस्खलन

27 अगस्त की रात उत्तरकाशी जिला मुख्यालय और आसपास क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा होने से वरुणावत के पूर्वी क्षेत्र में गोफियारा के निकट भूस्खलन हो गया था। इससे वरुणावत की तलहटी में बसे मस्जिद मोहल्ला और गोफियारा कालोनी में बड़ी मात्रा में पत्थर व मलबा गिरने लगा।

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गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग व गोफियारा कालोनी में सड़कों पर खड़े स्थानीय लोगों के एक दर्जन से अधिक दोपहिया व चौपहिया वाहन मलबे के नीचे दब गए थे। इस घटना ने 21 वर्ष पहले 2003 में हुई वरुणावत त्रासदी की याद दिला दी और दहशत में 100 से अधिक परिवार रातभर सो नहीं पाए।

परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश

खतरे की आशंका को देखते हुए शासन-प्रशासन भी तत्काल सक्रिय हुआ। घटना वाली रात प्रशासन ने 50 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था और अगले ही दिन जिलाधिकारी की गठित तकनीकी समिति ने भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण कर हालात की जानकारी दी।

वीरवार को आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने भी भूस्खलन क्षेत्र का जायजा किया। इस दौरान उन्होंने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा कार्य होने तक खतरे की आशंका वाले भवनों में रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।

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इसके लिए उन्होंने प्रभावितों को किराया और सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया। इसी कड़ी में जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर राजस्व विभाग ने भूस्खलन से खतरे की आशंका वाले भवनों और परिवारों का चिह्नीकरण किया है।

उप जिलाधिकारी भटवाड़ी बृजेश तिवारी ने बताया कि शेष परिवारों को भी सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए नोटिस दिया जाएगा। जो परिवार स्थानांतरित किए जा रहे हैं, उन्हें भूस्खलन क्षेत्र का उपचार और सुरक्षा कार्य किए जाने तक आपदा प्रबंधन के मानकों के अनुरूप हर माह साढ़े चार हजार रुपये प्रति परिवार किराया दिया जाएगा।

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