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Yamunotri Ropeway Project का काम शुरू, 170 करोड़ की इस परियोजना पर डालें एक नजर

Yamunotri Ropeway Project यमुनोत्री धाम के लिए बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। लगभग 170 करोड़ की लागत से बन रही इस रोप-वे परियोजना की कुल लंबाई 3.9 किमी होगी। परियोजना पर खरसाली से यमुनोत्री धाम के बीच कुल 10 टावर स्थापित किए जाएंगे। यह रोपवे 15 मिनट में खरसाली से यमुनोत्री धाम तक की दूरी तय करेगा।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 16 Nov 2024 07:19 PM (IST)
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Yamunotri Ropeway Project: रोप-वे परियोजना की कुल लंबाई 3.9 किमी। जागरण
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Yamunotri Ropeway Project: यमुनोत्री धाम के लिए बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए यमुनोत्री स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड की ओर से खरसाली में प्रस्तावित लोअर टर्मिनल पर भूमि पूजन किया गया।

लगभग 170 करोड़ की लागत से बन रही इस रोप-वे परियोजना की कुल लंबाई 3.9 किमी होगी, जबकि क्षमता प्रति घंटे एक तरफ 580 व्यक्तियों को परिवहन करने की होगी। परियोजना पर खरसाली से यमुनोत्री धाम के बीच कुल 10 टावर स्थापित किए जाएंगे।

निर्माण का जिम्मा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर

राज्य सरकार ने यमुनोत्री धाम के लिए रोप-वे निर्माण का जिम्मा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर एक निजी कंपनी यमुनोत्री स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। इस परियोजना का निचला टर्मिनल खरसाली और ऊपरी टर्मिनल यमुनोत्री धाम में पुलिस चौकी के पास बनेगा।

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रोप-वे को छह मीटर प्रति सेकेंड की गति से संचालित करने के लिए डिजायन किया गया है और इसके खरसाली स्थित टर्मिनल से यमुनोत्री धाम स्थित टर्मिनल तक की दूरी 15 मिनट में तय की जा सकेगी।

सबसे पहले बनाया जा रहा खरसाली स्थित निचला टर्मिनल

यमुनोत्री स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अविरल जैन ने जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट को शनिवार परियोजना पर कार्य शुरू करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सबसे पहले खरसाली स्थित निचले टर्मिनल को बनाया जा रहा है। इस पर 250 कार, 30 बाइक और 40 ट्रेवलर वैन की क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा। जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कंपनी से परियोजना का कार्य समय से पूरा करने को कहा है।

यात्री करते रहे इंतजार नहीं पहुंचा हेलीकॉप्टर

उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मुख्यालय को हेलीसेवा से जोड़ने के लिए गत 7 नवंबर को हेलीसेवा का उद्घाटन तो हो गया, लेकिन अभी तक हेली सेवा शुरू नहीं हो पाई है। शनिवार को पांच यात्रियों ने पहले सेवा की टिकट भी बुक कराए थे। परंतु उसके बाद भी हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेने के लिए उत्तरकाशी नहीं पहुंचा।

हेलीकॉप्टर यात्री शनिवार शाम तक हेलीपैड के पास इंतजार करते रहे। इसके बाद यात्रियों को टैक्सी बुकिंग करके देहरादून जाना पड़ा। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण अनुसार 13 नवंबर से नियमित हेली सेवा शुरू होनी थी, जो अभी शुरू नहीं हो पाई है। इसको लेकर यूकाडा ने प्रचार प्रसार भी किया गया था।

भले ही यूकाडा की ओर से शनिवार को जानकारी दी गई की अब रविवार से हेली सेवा नियमित रूप से संचालित होगी। 10 दिन पहले उद्घाटन समारोह के दौरान उत्तरकाशी जोशियाड़ा हेलीपैड के पास भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में खूब भाषणबाजी भी हुई।

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उद्घाटन दिवस पर भाजपा के एक कार्यकर्त्ता को लेकर देहरादून से जोशियाड़ा हेलीपैड पर पवन हंस का हेलीकाप्टर पहुंचा। जिला प्रशासन की ओर से हेलीकाप्टर के पायलेट दल व यात्री का भव्य स्वागत हुआ। फिर भाजपा कार्यकर्त्ताओं और उनके स्वजन को लेकर हेलीकाप्टर देहरादून के लिए टेकआफ हुआ।

यूकाडा के पोस्टर बैनर व प्रचार के अनुसार 13 नवंबर से नियमित हेली सेवा संचालित होनी थी, इसके लिए लैंडिंग और टेकआफ का समय व प्रति यात्री किराया भी जारी किया गया था। इसको लेकर स्थानीय निवासी उत्सुक हुए। परंतु अभी तक हेली सेवा शुरू नहीं हो पाई है। नागर विमान महानिदेशालय से अनुमति न मिलना और हेलीपैड पर पर्याप्त सुविधाएं न होना इसका कारण माना जा रहा है। ऐसे में प्रशासन और यूकाडा की जल्दबाजी को लेकर भी सवाल उठ रहा है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के कार्मिक गौरव ने बताया कि डीजीसीए से अनुमति मिली है। सहस्त्रधारा और जोशियाड़ा के बीच रविवार से नियमित हेली सेवा शुरू हो जाएगी।

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