हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत होने में कुछ ही दिन बाकी है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और तर्पण जैसे धार्मिक कार्य करते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी चालीसा के बारे में बताएंगे, जिसका पितृ पक्ष के दौरान पाठ करने से आपका जीवन सफल हो सकता है। आइए इस चालीसा के बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको पितृ चालीसा का पाठ करने के बारे में बता रहे हैं। इससे न सिर्फ आपका जीवन सफल हो जाएगा, बल्कि आपके पितृ भी प्रसन्न हो सकते हैं। आपके काम भी बन सकते हैं।
हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरण शीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ । सबसे पहले गणपत पाछे घर का देव मनावा जी । हे पितरेश्वर दया राखियो, करियो मन की चाया जी । ।
पितरेश्वर करो मार्ग उजागर, चरण रज की मुक्ति सागर । परम उपकार पित्तरेश्वर कीन्हा, मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा । मातृ-पितृ देव मन जो भावे, सोई अमित जीवन फल पावे ।
जै-जै-जै पित्तर जी साईं, पितृ ऋण बिन मुक्ति नाहिं । चारों ओर प्रताप तुम्हारा, संकट में तेरा ही सहारा । नारायण आधार सृष्टि का, पित्तरजी अंश उसी दृष्टि का ।
प्रथम पूजन प्रभु आज्ञा सुनाते, भाग्य द्वार आप ही खुलवाते । झुंझनू में दरबार है साजे, सब देवों संग आप विराजे । प्रसन्न होय मनवांछित फल दीन्हा, कुपित होय बुद्धि हर लीन्हा ।
पित्तर महिमा सबसे न्यारी, जिसका गुणगावे नर नारी । तीन मण्ड में आप बिराजे, बसु रुद्र आदित्य में साजे । नाथ सकल संपदा तुम्हारी, मैं सेवक समेत सुत नारी ।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com