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बाढ़ की चपेट में सिक्किम और बंगाल, चीन सीमा के पास से गुजरने वाला NH-10 तबाह; CM ने केंद्र से मांगी मदद

Teesta river floods तीस्ता नदी विकराल रूप धारण कर चुकी है। बाढ़ से एनएच-10 तबाह हो चुका है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन ठप होने से सिक्किम को अभी तक 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। बंगाल में 75 परिवार बेघर हो चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 08 Jul 2024 10:32 PM (IST)
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सिक्किम में बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग-10 टूटा। (फोटो-जागरण)
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। दार्जिलिंग व सिक्किम की पहाड़ियों की गहरी खाई में बहने वाली तीस्ता नदी इस मानसून अब तक का सबसे भीषण रूप ले चुकी है। उसकी तबाही से सिक्किम व बंगाल के बीच जीवन रेखा एनएच-10 बुरी तरह तबाह हो गया है। तीस्ता नदी के भीषण रूप का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 200-250 फीट गहरी खाई में बहने वाली नदी उफना कर अब कई जगह 200-250 फीट ऊपर आकर एनएच-10 पर बह रही है।

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तीस्ता की तबाही

  • उत्तर बंगाल के कई इलाके बाढ़ की चपेट में।
  • बाढ़ से लालटंग बस्ती के 76 परिवार हुए बेघर।
  • अलीपुरद्वार और कूचबिहार में बाढ़ से तबाही।
  • सिक्किम को अब तक 100 करोड़ का नुकसान।

उत्तर बंगाल में भीषण बाढ़

सिक्किम से सटे उप-हिमालयी बंगाल यानी उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों में तीस्ता के चलते भीषण बाढ़ भी आई हुई है। बाढ़ के चलते सिलीगुड़ी से थोड़ी दूर सेवक रोड के पांच माइल के निकट लालटंग वन क्षेत्र की लालटंग बस्ती अस्तित्व संकट के कगार पर आ गई है। वन बस्ती के 76 परिवार बेघर हो गए हैं। अलीपुरद्वार व कूचबिहार क्षेत्र में भी तीस्ता की बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है।

एनएच-10 पर आवाजाही बंद

इधर, एनएच-10 के बुरी तरह प्रभावित हो जाने की वजह से सिक्किम व बंगाल के बीच वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। इसकी जगह लोग ऊबड़-खाबड़ वाले वैकल्पिक मार्गों से जाने-आने को मजबूर हैं। एनएच-10 बंद होने से सिक्किम को अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।

सिक्किम ने केंद्र से मांगी मदद

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) ने एनएच-10 की सुध लेने हेतु केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने दिल्ली से सिक्किम लौटने के क्रम में सोमवार को कालिम्पोंग में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से एनएच-10 की समस्या से अवगत करा कर मदद की गुहार लगाई है।

नितिन गडकरी से मिले दार्जिलिंग सांसद

दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट भी एनएच-10 के लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर गुहार लगाई कि एनएच-10 को पश्चिम बंगाल राज्य सरकार अधीनस्थ एनएच के पीडब्ल्यूडी डिवीजन से लेकर नेशनल हाई-वे अथारिटी आफ इंडिया (NHAI) अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के हवाले कर दिया जाए। सांसद के अनुसार मंत्री ने ऐसा ही करने का अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश भी दे दिया है।

कितना महत्वपूर्ण है एनएच-10

  • सिक्किम और बंगाल के बीच इसी मार्ग से लोगों का होता है आवागमन।
  • पूर्वोतर भारत को शेष भारत से जोड़ने में अहम है राष्ट्रीय राजमार्ग-10।
  • चीन सीमा के करीब से गुजरने की वजह से सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण।
  • सिक्किम, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी, तराई और डूआर्स क्षेत्र के बीच जीवन रेखा।
  • पिछले साल सिक्किम की ल्होनक झील फटने से भी तबाह हो गया था मार्ग।

ममता ने केंद्र पर साधा निशाना

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन करके कहा कि भूटान के जल विद्युत केंद्र से पानी छोड़े जाने का खामियाजा हर साल बंगाल को भुगतना पड़ता है। उसी कारण जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार पानी में डूबे हुए हैं। भूटान जब अपने यहां जल विद्युत केंद्र का निर्माण कर रहा था, उसी समय केंद्र सरकार को भविष्य में होने वाली इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए था।

500 लोगों ने शिविरों में ली शरण

कूचबिहार में 12 बाढ़ राहत शिविर खोले गए हैं, जहां अभी 500 लोगों ने शरण ले रखी है। सिंचाई विभाग को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। जरुरत पड़ने पर कर्मचारियों की छुटिट्यां रद्द की जा सकती हैं। ममता ने बंगाल के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए सेना से भी बचाव कार्यों के लिए अलर्ट रहने का अनुरोध किया है।

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