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West Bengal: TMC के दो गुटों के डॉक्टरों के बीच संघर्ष चरम पर, आरजी मामले को लेकर खत्म नहीं हो रहा विवाद

तृणमूल विधायक सुदीप्त राय ने सरकार से राज्य चिकित्सा परिषद से शांतनु सेन की सदस्यता खारिज करने का अनुरोध किया है। स्वास्थ्य सचिव नारायणस्वरूप निगम को भेजे पत्र में सुदीप्त ने छह तारीखों का जिक्र किया है। पत्र में सुदीप्त ने परिषद के नियमों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई सदस्य लगातार तीन बैठकों में शामिल नहीं होता है तो उसकी सदस्यता रद कर दी जाएगी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 21 Nov 2024 05:45 AM (IST)
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आरजी मामले को लेकर तृणमूल के दो गुटों के डाक्टरों के बीच संघर्ष चरम पर (फोटो-एक्स)
 राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी मामले को लेकर तृणमूल के दो गुटों के डॉक्टरों के बीच संघर्ष चरम पर है। संगठन के अध्यक्ष और तृणमूल विधायक सुदीप्त राय ने स्वास्थ्य भवन को पत्र लिखकर राज्य चिकित्सा परिषद से शांतनु सेन की सदस्यता खारिज करने का अनुरोध किया है।

सुदीप्त का दावा है कि शांतनु लगातार छह बार परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। इसलिए उनकी परिषद की सदस्यता बर्खास्त की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, पत्र में शांतनु की जगह किसी नए को नामांकित करने का भी अनुरोध किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव नारायणस्वरूप निगम को भेजे पत्र में सुदीप्त ने छह तारीखों का जिक्र किया है। उन्होंने दावा किया कि शांतनु उक्त तिथि को आयोजित परिषद की बैठक में अनुपस्थित थे। पत्र में सुदीप्त ने परिषद के नियमों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई सदस्य लगातार तीन बैठकों में शामिल नहीं होता है तो उसकी सदस्यता रद कर दी जाएगी।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद

बता दें कि शांतनु ने इसके पहले आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद करने सहित कई मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य सलाहकार पद से भी हटा दिया गया था। दूसरी ओर, स्वास्थ्य भवन ने सुदीप्त को पत्र लिखकर परिषद के रजिस्ट्रार मानस चक्रवर्ती को हटाने का निर्देश दिया है।

रजिस्ट्रार के पद पर उनकी बहाली को सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए उन्हें तुरंत हटाकर उस पद पर किसी नए को नियुक्त करने की बात कही गई है। ज्वाइंट प्लेटफार्म आफ डॉक्टर्स ने दावा किया कि रजिस्ट्रार के रूप में मानस की नियुक्ति अवैध थी। स्वास्थ्य सचिव के इस पत्र को वे नैतिक जीत मानते हैं।

ज्योतिप्रिय को अस्पताल से छुट्टी, वर्चुअली अदालत में हुए पेश

राशन भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वह प्रेसीडेंसी जेल लौट आए। जेल अधिकारियों ने बुधवार को अदालत को यह जानकारी दी। कोर्ट की सुनवाई में ज्योतिप्रिय भी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे। ज्योतिप्रिय को सांस संबंधी दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें राशन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस मामले की सुनवाई पिछले गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट में हुई।

ईडी ने नाराजगी जताई

सुनवाई के दौरान जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया कि ज्योतिप्रिय कई दिनों से अस्पताल में हैं। इस पर ईडी ने नाराजगी जताई थी। ईडी ने कहा था कि उसे इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई। ईडी ने कहा कि चूंकि उसने ज्योतिप्रिय को गिरफ्तार किया था, इसलिए जेल अधिकारियों को शिष्टाचार के नाते पूर्व मंत्री के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में उसे सूचित करना चाहिए था।

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