India-China Border Agreement: भारत-चीन सीमा पर कम हुआ तनाव तो क्या बोला अमेरिका? अपनी भूमिका को लेकर भी दिया बयान
India-China Border Disputeभारत और चीन के बीच LAC पर अब खत्म हो गई है। दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को समाप्त कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका ने समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है। उन्होंने कहा कि हम भारत-चीन सीमा पर तनाव में कमी का स्वागत करते हैं।
आईएएनएस, वाशिंगटन। भारत और चीन के बीच LAC पर अब खत्म हो गई है। दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को समाप्त कर दिया है। अब अमेरिका ने भारत-चीन के बीच हुए समझौते पर अपनी बात की है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने इस मामले पर भारतीय पक्ष से भी चर्चा की है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है।
भारत-चीन गश्त समझौते पर मिलर ने कहा, हम घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए प्रारंभिक कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव में कमी का स्वागत करते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध के समाधान में अमेरिका की कोई भूमिका थी, तो उन्होंने कहा, नहीं, हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है और हमें इस बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन हमने इस समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है।
इससे पहले मंगलवार को रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग मैदानों और डेमचोक में अस्थायी ढांचों को हटा दिया है।
दोनों पक्षों के सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया के तहत पीछे के स्थानों पर तैनात किया गया है।सूत्रों ने कहा, अप्रैल 2020 से अब तक दुर्गम स्थानों पर गश्त 10 से 15 सैनिकों की छोटी टुकड़ियों द्वारा की जाएगी।भारत और चीन के बीच जून 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध बना हुआ है, जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए थे।
एलएसी गश्त समझौते की घोषणा 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले की गई थी। यह शिखर सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कज़ान में आयोजित हुआ था। इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया था।