क्या है Salt Typhoon, निशाने पर ट्रंप और कमला हैरिस; अमेरिका के खिलाफ चीन ने चली नई चाल
चीनी हैकर्स ग्रुप साल्ट टाइफून ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रनिंग मेट ओहियो सीनेटर जेडी वेंस के फोन को निशाना बनाया है। माइक्रोसॉफ्ट की साइबर सुरक्षा टीम ने चीनी हैकर्स ग्रुप को साल्ट टाइफून नाम दिया है। इस हैकर्स ग्रुप को चीनी सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाता है। माइक्रोसॉफ्ट की साइबर सुरक्षा टीम ने चीनी हैकर्स ग्रुप को साल्ट टाइफून नाम दिया है।
एजेंसी, वॉशिंगटन। अमेरिका में अगले महीने चुनाव होने हैं। इस बीच खबर आई है कि चीनी हैकर्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रनिंग मेट ओहियो सीनेटर जेडी वेंस के फोन को निशाना बनाया है। अमेरिका का दावा है कि यह हमला चीन के साइबर जासूसी समूह द्वारा किया गया था, जिसे 'साल्ट टाइफून' के नाम से जाना जाता है।
जानकारी के मुताबिक, निशाने पर ट्रंप के अलावा, डेमोक्रेट, कैपिटल हिल के प्रमुख व्यक्ति और संभवतः उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के कैंपेन से जुड़े स्टाफ सदस्य भी हैं। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि हैकर्स क्या कुछ खुफिया जानकारी निकालने में सफल रहे या नहीं?
वहीं, दूसरी ओर चीनी दूतावास की ओर से ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से इनकार किया गया है। यह पता लगाया जा रहा है कि कौन से डाटा को निशाना बनाया गया है।
क्या है 'साल्ट टाइफून' का मतलब
माइक्रोसॉफ्ट की साइबर सुरक्षा टीम ने चीनी हैकर्स ग्रुप को साल्ट टाइफून नाम दिया है। इस हैकर्स ग्रुप को चीनी सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाता है। गौरतलब है कि इस ग्रुप का मकसद पारंपरिक हैकिंग या कॉरपोरेट डाटा चुराना नहीं है बल्कि ये ग्रुप खुफिया जानकारी चुराने के लिए जाना जाता है। साल्ट टाइफून, अमेरिकी संपत्तियों की जानकारी भी इकट्ठा करने के लिए जाना जाता है।खुफिया जानकारी चुराने वाली चीनी हैकर्स ग्रुप को 'साल्ट' नाम दिया गया है। वहीं, चीन के हैकर्स को माइक्रोसॉफ्ट ने 'टाइफून' नाम दिया है। इसी तरह माइक्रोसॉफ्ट ने ईरान के हैकर्स को सैंडस्टोर्म, रूस के हैकर्स को ब्लिजार्ड नाम दिया है।