Move to Jagran APP

पुतिन ने पीएम मोदी को दी जादू की झप्पी तो US को लगी मिर्ची, इशारों-इशारों में अमेरिका ने भारत को दी ये सलाह

पीएम मोदी के रूस दौरे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की पैनी नजर थी। पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद अमेरिका ने कहा कि भारत और अमेरिका एक रणनीतिक भागीदार हैं। दोनों देशों के बीच हर मुद्दों पर स्पष्ट बातचीत होती है। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों को लेकर संदेह नहीं करना चाहिए। हांलांकि अमेरिका ने इशारों में भारत को सलाह भी दी है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 11 Jul 2024 05:30 PM (IST)
Hero Image
पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति की मुलाकात को लेकर अमेरिका ने टिप्पणी की है।(फोटो सोर्स: एएनआई)
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पर अमेरिका सहित पूरी दुनिया की नजर थी। मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन ने ना सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया बल्कि रूस ने उन्हें ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल की उपाधि से नवाजा। यह रूस का सर्वोच्च सम्मान है।

पीएम मोदी के इस दौरे पर अमेरिका द्वारा लगातार टिप्पणी की जा रही है। भारत में मौजूद अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी ने गुरुवार को दोनों देशों को संबंधों पर प्रतिक्रिया दी।  

भारत के साथ संबंधों पर अमेरिका ने कही ये बात 

उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के लोगों के लिए ये बात याद रखना महत्वपूर्ण है कि जितना अधिक हम इस रिश्ते में निवेश करेंगे, उतना ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर बनेंगे। जितना ज्यादा हम अपने संबंधों पर संदेह करेंगे, हमारे संबंध उतने ही बिगड़ते जाएंगे।

अमेरिकी राजदूत ने आगे कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध काफी बेहतर बन चुके हैं। हालांकि, इस संबंध को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है।

अमेरिकी राजदूत ने आगे यह भी कहा,"मैं जानता हूंं कि भारत और मैं इस बात का सम्मान करते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को पसंद करता है, लेकिन संघर्ष के समय में रणनीतिक स्वायत्तता जैसी कोई चीज नहीं होती। संकट के समय हमें एक-दूसरे को जानने की जरूरत होगी। मुझे परवाह नहीं है कि हम इसे क्या नाम देते हैं, लेकिन हमें यह जानना होगा कि हम भरोसेमंद दोस्त, भाई-बहन और ज़रूरत के समय में सहयोगी हैं।"

भारत रुकवा सकता है रूस और यूक्रेन के बीच जंग: अमेरिका

बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी ने पहली बार रूस पहुंचे थे। इस युद्ध में अमेरिका शुरुआत से ही यूक्रेन के साथ खड़ा है।  राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के दौरान भी पीएम मोदी ने युद्ध का मुद्दा उठाया था। कुछ दिनों पहले जब अमेरिका से पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन को लेकर अमेरिका से सवाल पूछे गए थे।

अमेरिका ने दोनों नेताओं की मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर भारत चाहते तो रूस को युद्ध रुकवाने के लिए मना सकता है। हालांकि,आखिरी फैसला पुतिन को ही करना है।

यह भी पढ़ें: US Presidential Election: जो बाइडन के लिए भारतवंशियों के समर्थन में 19 प्रतिशत की गिरावट, एक सर्वे में हुआ खुलासा